Home राष्ट्रीय मध्य प्रदेश

छत्तीसगढ़ खेल IPL Updates बिजनेस ऑटोमोबाइल टैकनोलजी मनोरंजन #Trending Web Stories
Follow On WhatsApp
Follow On Telegram

Corruption In Health Department: स्वास्थ्य विभाग में फर्जीवाड़ा; कर्मचारियों के अटैचमेंट और बिलों में गड़बड़ी

By Surendra Tiwari

Published on:

---Advertisement---

Corruption In Health Department: रीवा स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार से से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है। यहां कर्मचारियों के अटैचमेंट और बिलों के भुगतान में अनियमितता की गई है। इसकी शिकायत मिलने पर कलेक्टर ने जांच कराने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए हैं। कहा है कि जांच कमेटी गठित कर बिन्दुवार जांच कराई जाए और रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

मामले में कई अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका को संदेह के घेरे में माना गया है। सभी के विरुद्ध अलग-अलग जांच कराकर भूमिका तय करने को कहा गया है। मामला पूर्व सीएमएचओ बीएल मिश्रा के कार्यकाल का बताया जा रहा।

दरअसल, कर्मचारियों के अटैचमेंट और फर्जी बिलों के आधार पर भुगतान व्यापक पैमाने पर करने की कलेक्टर से शिकायत की गई है। शासन को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाए जाने का मामला बताया जा रहा है। इसकी शिकायत कलेक्टर से बृजनाथ प्रसाद तिवारी नाम के व्यक्ति की ओर से की गई थी। उसमें आरोप है कि तत्कालीन सीएमएचओ ने 21 जून 2023 से लेकर आठ सितंबर 2023 तक के बीच दो करोड़ रुपए से अधिक की खरीदी की थी। इसमें नियमों की अनदेखी हुई है।

पुराने कंडम वाहनों के नाम पर भी ढाई लाख रुपए का डीजल और डेढ़ लाख रुपए मेंटेनेंस के नाम पर भुगतान किया गया, जबकि उक्त वाहन लंबे समय से खड़े है। कई अन्य पत्रों का उल्लेख करते हुए कहा है कि अनियमितता हुई। जब मामले सामने आए तो उन पत्रों को त्रुटिपूर्ण बताकर आदेश निरस्त किया गया। जिले में आईइसी प्रचार प्रसार के बिना ही लाखों रुपए के भुगतान की भी जांच कराने की मांग उठाई गई है। जिन अस्पतालों में सफाई की एजेंसी नियुक्त है, वहां के लिए भी 20 लाख के फिनायल खरीदी का सत्यापन कराने की मांग की गई है। इस शिकायत में लेखापाल संतोष तिवारी, सुपरवाइजर शिवशंकर तिवारी, फार्माशिष्ट रवि दुबे सहित अन्य के विरुद्ध भी कई बिन्दुओं की शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की गई है।

सतर्कता अधिकारी ने मांगी रिपोर्ट

कलेक्टर कार्यालय के शिकायत सतर्कता अधिकारी की ओर से सीएमएचओ को भेजे गए पत्र में शिकायतकर्ता का आवेदन भी दिया गया है। कहा गया है कि शिकायत के बिंदुवार जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। जानकारी मिली है कि इस तरह की एक शिकायत पूर्व में भी हुई थी। उस पर भी रिपोर्ट मांगी थी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

जांच रिपोर्ट आने के बाद होगी कार्रवाई

शिकायत के बाद जांच कराए जाने के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ. संजीव शुक्ला ने बताया कि पूर्व में आई शिकायतों की जांच चल रही है। रिपोर्ट आने के बाद उसके गुणदोष के आधार पर कार्रवाई होगी। कई बार एक ही मामले में अलग- अलग शिकायतें आती हैं तो जांच कमेटी संयुक्त रूप से रिपोर्ट तैयार करती है और उसमें समय लगता है।

इधर, संजीवनी केंद्रों में नियुक्ति की जांच पूरी

स्वास्थ्य विभाग में कुछ दिन पहले भी एक अनियमितता सामने आई थी। यह दूसरे सीएमएचओ के कार्यकाल थी। बीते फरवरी में तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. केएल नामदेव द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति के मामले में जांच की जा रही थी। यह जांच पूरी हो गई है, अब रिपोर्ट का परीक्षण किया जा रहा है और उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

मामले में विभाग को आउटसोर्स पर कर्मचारी उपलब्ध कराने वाली एजेंसी कैपिटल इंफोलाइन प्राइवेट लिमिटेड ने आपत्ति दर्ज कराई थी। उसमें कहा था कि एजेंसी को कोई जानकारी दिए बिना ही विभाग द्वारा उसके नाम पर कर्मचारियों को नियुक्त कर दिया गया है। संबंधित कर्मचारियों के बारे में जानकारी नहीं है। यह नियुक्तियां संजीवनी क्लीनिकों के लिए चार डाटा एंट्री ऑपरेटर और आठ सपोर्टिंग स्टाफ की थी। जब जांच पूरी हो चुकी है।

---Advertisement---