रीवा। कैंसर जैसी गंभीर बिमारी को डॉक्टरो ने कमाई का जरिया बना लिया हैं। विज्ञापन होर्डिग व अखबारो में ऐसे विज्ञापन छपवा रहे हैं कि लगता है कि कैसर पीडित दिखाते ही स्वस्थ हो जायेगा। हालही में रीवा में एक कैंसर शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें कुछ राजनेताओं ने राजनीतिक रोटिया भी सेकी। शिविर में रीवा के कई निजी चिकित्साल जो बुखार का इलाज नही करपाते वे भी होर्डिग लगाकर बाता रहे थे कि कैंसर का बेहतर इलाज करते हैं। कैंसर इलाज के लिए रीवा में खुले हॉस्पिटल में ना तो पर्याप्त स्टाफ है और ना ही बेहतर डॉक्टर, इन हॉस्पिटलों में जो नर्सिंग स्टाफ है वह कैंसर मरीज को देखते ही मुंह बिचकने लगते हैं, हाथ लगाना भी मुनरशिप नहीं समझते। जब नर्सिंग स्टाफ ही मरीज से भेदभाव करते है तो इलाज कैसे संभव है।
3D-CT Scan, 3D CT Angiography, PET/CT Scan की नही हैं मशीन
कैंसर का इलाज बेहतर होता हैं ऐसा प्रचार-प्रसार किया गया, लेकिन इन में से कई निजी चिकित्सालयों में सिटी स्कैन, एक्सरे मशीन तक नही हैं। ये दूसरो पर निर्भर हैं।
कैंसर के निदान में उपयोग किए जाने वाले इमेजिंग परीक्षणों में कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन, हड्डी स्कैन, चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई), पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) स्कैन, अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे , बायोप्सी. रीवा में नही हो पा रही हैं।
- कैंसर, जो दुनिया की सबसे ख़तरनाक और जानलेवा बीमारी की श्रेणी में आता है, शरीर में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है। कैंसर विश्व स्तर पर एक महत्त्वपूर्ण स्वास्थ्य चिंता का विषय बन चुका है। वर्तमान में, भारत में नॉन कम्युनिकेबल डिजीज के मामलों में बढ़ोतरी होते देखी जा सकती है, जिसमें कैंसर भी सम्मिलित है। भारत में अभी भी कई रोगियों और उनके परिवारों के सामने आने वाले वित्तीय संकट पर विचार करने पर समस्या और बढ़ जाती है। कई परिवारों के लिए कैंसर के इलाज के लिए पैसा जुटाना मुश्किल हो जाता है, और समय पर इलाज नहीं होने के कारण लोग अपने प्रिय को हमेशा के लिए खो देते हैं।
कमीशन पर दूसरे राज्यों से बुलाये जाते हैं डाक्टर
अन्य राज्यों से संपर्क कर कैंसर डॉक्टर को बुलाय जाता है, रीवा में भले ही यह कहा जाये की फल नर्सिंग होम कैंसर जैसी गंभीर बेमारी का इलाज करता है लेकिन यह पूरी तरह से गलत और निराधार है, यहा सभी नर्सिंग होम दूसरे राज्यों के डॉक्टर से कंसर्ट में रहते हैं और कमीशन पर मरीजों को भेजते हैं, ये डॉक्टर नागपुर, मुंबई, लखनऊ भोपाल जैसे शहरों से आते हैं और एक मोटी रकम लेकर चले जाते हैं, मरीज का भविष्य क्या होगा इससे कोई लेना-देना नहीं है, इलाज के नाम पर केवल धोखा दिया जाता है, जब बेहतर जहां की सुविधा ही उपलब्ध नहीं है तो जांच कैसे की जाती होगी।
कैंसर पीड़ित का उपचार शुरू होने के बाद लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहना पडता है मरीज को
कैंसर पीड़ित मरीज का उपचार जब शुरू होता है तो उसके बाद विभिन्न प्रकार के मेडिकल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़त हैं। ऐसे में मरीज को लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहना पड़ता है जबकि रीवा में डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो पाते हैं क्योंकि महीने में एक-दो दिन ही बैठते हैं वह भी जब पर्याप्त मरीज उपलब्ध हो, क्योंकि बाहर से रीवा आनेवाले डॉक्टर कमीशन पर रहते हैं। यदि मरीज नही हैं तो वे नही आते ऐसे मरीज को परेशानी का सामना करना पडता हैं।
(CT) स्कैन कैंसर और कैंसर की स्टेजेस को जानने क लिए के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण
कैंसर के अलग अलग पहलु है, यह एक घातक बीमारी है जो विश्व स्तर पर लाखों लोगों को प्रभावित करती है। सफल उपचार और बेहतर परिणाम के लिए सटीक और समय पर इसका पता लगाना अत्यधिक आवश्यक है। कंप्यूटेड टोमोग्राफी (CT) स्कैन कैंसर और कैंसर की स्टेजेस को जानने क लिए के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
पहले के समय में कैंसर का पता लगाने को मृत्युदंड के रूप में देखा जाता था| उपचार के विकल्पों की कमी, बीमारी की खराब समझ और अविकसित इमेजिंग तकनीकों के कारण, चार दशक पहले कैंसर रोगी के लिए 10 साल की जीवित रहने की दर लगभग 24% थी। आज, जीवित रहने की दर दोगुनी से अधिक 50% हो गई है |
कंप्यूटेड टोमोग्राफी (CT Scan) स्कैन, जिसे सीएटी स्कैन (CAT scan) भी कहा जाता है, एक इमेजिंग परीक्षण है जिसका उपयोग कैंसर का पता लगाने और यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि यह कहां स्थित है, यह कहां फैला है और क्या यह शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित कर रहा है। डॉक्टर कैंसर के इलाज के दौरान और बाद में सीटी स्कैन कराने की भी सलाह दे सकते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि उपचार काम कर रहा है या कैंसर वापस आ गया है।
3D-CT Scan
3डी सीटी (3-D CT Scan) ट्यूमर के स्थान का पता लगाती है और यह निर्धारित कर सकती है कि कैंसर शरीर के अन्य भागों में फैल गया है या नहीं, और उपचार के प्रभावों का आकलन करता है।
3D CT Angiography
सीटी एंजियोग्राफी (सीटीए/CTA) scan से ट्यूमर की रक्त वाहिकाओं (blood vessels) को उजागर करती है और अन्य असामान्य रक्त वाहिकाओं को देखती है जो स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय हो सकती हैं।
PET/CT Scan
यह नुक्लेअर इमेजिंग (nuclear imaging) तकनीक है जो पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (PET) और कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी (सीटी) दोनों का उपयोग करती है, जो शरीर में कोशिकाओं और ऊतकों की संरचना और कार्य के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है। रोगी को एक ग्लूकोज इंजेक्शन दिया जाता है जिसमें कंट्रास्ट एजेंट के रूप में थोड़ी मात्रा में विकिरण होता है। विकिरण की खुराक जांच किए जा रहे अंगों या ऊतकों द्वारा अवशोषित की जाती है, जिससे वे चिकित्सा इमेजिंग में दिखाई देते हैं। इस प्रक्रिया से होने वाला विकिरण जोखिम मामूली है।
कैंसर का मुफ्त इलाज के लिए भारत के 10 सर्वश्रेष्ठ कैंसर अस्पतालों की सूची / कैंसर का मुफ्त इलाज कहां होता है?
1. टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई: भारत में सबसे प्रतिष्ठित कैंसर देखभाल केंद्रों में से एक मुंबई का टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुफ्त या रियायती उच्च गुणवत्ता वाला, कैंसर का उपचार प्रदान करता है। टाटा मेमोरियल अस्पताल मुख्य रूप से, अपने रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण, अत्याधुनिक सुविधाओं और अनुभवी स्वास्थ्य पेशेवरों की समर्पित टीम के के लिए प्रसिद्द है।
2. किदवई मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ़ ऑन्कोलॉजी, बेंगलुरु: सरकार द्वारा वित्त पोषित किदवई मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ़ ऑन्कोलॉजी अस्पताल, कैंसर के लिए व्यापक देखभाल सेवाएँ प्रदान करता है। इन सेवाओं में, कैंसर की रोकथाम, शीघ्र पहचान, उपचार, पुनर्वास और उपशामक देखभाल शामिल है। इस अस्पताल में आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना, कैंसर रोगियों को सुलभ सेवाएँ प्रदान की जाती हैं।
3. एम्स, नई दिल्लीः अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जो भारत की नई दिल्ली में स्थित है, यह भारत का एक प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान है। इस अस्पताल के ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट में अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं साथ ही यहाँ बहुत ही अनुभवी ऑन्कोलॉजिस्ट्स भी हैं, और यह डिपार्टमेंट आर्थिक रूप से कमज़ोर रोगियों को मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान करता है।
4. क्षेत्रीय कैंसर केंद्र (आरसीसी), तिरुवनंतपुरम: आरसीसी कैंसर देखभाल के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें न केवल उपचार बल्कि अनुसंधान, शिक्षा और रोकथाम भी शामिल है। आरसीसी आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को कैंसर के लिए किफायती उपचार सेवाएँ प्रदान करता है।
5. पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़: पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) कैंसर के लिए एडवांस्ड उपचार सुविधाएँ प्रदान करता है। यह संस्था आर्थिक रूप से कमज़ोर रोगियों को मुफ्त या भारी सब्सिडी वाली उपचार सेवाएँ प्रदान करती है।
6. कैंसर संस्थान (डब्ल्यूआईए), चेन्नई: कैंसर संस्थान (डब्ल्यूआईए) की स्थापना भारत में 1954 में की गई थी, यह भारत का पहला व्यापक कैंसर केंद्र था। यह संस्थान आज भी अपने 30% से अधिक रोगियों को कैंसर के लिए मुफ्त इलाज की सेवा प्रदान करता है।
7. एसजीपीजीआईएमएस, लखनऊ: संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, कैंसर रोगियों को अत्याधुनिक निदान और उपचार सेवाएँ प्रदान करता है। इस अस्पताल द्वारा आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को मुफ्त इलाज की सेवाएँ प्रदान की जाती हैं।
8. चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (सीएनसीआई), कोलकाता: इस सरकारी संस्थान में कैंसर का सस्ता इलाज किया जाता है। CNCI में कैंसर का उपचार तो किया ही जाता है, साथ ही यहाँ ऑन्कोलॉजी में रिसर्च और एजुकेशन की भी व्यवस्था है।
9. आचार्य तुलसी क्षेत्रीय कैंसर उपचार और अनुसंधान संस्थान, बीकानेर: यह संस्थान व्यापक और सस्ती कैंसर देखभाल सेवा प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त यहाँ उन मरीज़ों के लिए कैंसर का मुफ्त इलाज भी किया जाता है जो आर्थिक रूप से कमज़ोर होते हैं।
10. गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (जीसीआरआई), अहमदाबाद: जीसीआरआई, भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद शहर में स्थित है और यह कैंसर रोगियों को सेवाएँ प्रदान करता है। यह संस्थान कॉस्ट-इफेक्टिव कैंसर ट्रीटमेंट प्रदान करता है और यह कैंसर अनुसंधान, रोकथाम और शिक्षा में सक्रिय रूप से शामिल है। जो मरीज़ इलाज के लिए धन नहीं जुटा सकते हैं या जिनके पास पैसा नहीं होता है, यहाँ उनका मुफ्त इलाज भी किया जाता है।
संक्षेप में यदि इस विषय पर चर्चा करें कि भारत में कैंसर का मुफ्त इलाज कहां होता है?, तो कैंसर का मुफ्त इलाज करनेवाले अस्पतालों की सूची में, टाटा मेमोरियल अस्पताल(मुंबई), किदवई मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ़ ऑन्कोलॉजी(बेंगलुरु), एम्स(नई दिल्ली), क्षेत्रीय कैंसर केंद्र / आरसीसी(तिरुवनंतपुरम), पीजीआईएमईआर(चंडीगढ़), कैंसर संस्थान / डब्ल्यूआईए(चेन्नई), एसजीपीजीआईएमएस(लखनऊ), चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान / सीएनसीआई(कोलकाता), आचार्य तुलसी क्षेत्रीय कैंसर उपचार और अनुसंधान संस्थान(बीकानेर), गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट /जीसीआरआई(अहमदाबाद) शामिल हैं।