रीवा। शासकीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने सरकार व प्रशासन दोनों के प्रयास असफल नजर आ रहे हैं। वजह है शिक्षकाओं का शिक्षकीय में कार्य में दिलचस्पी नहीं लेना। शनिवार को डीइओ गंगा प्रसाद उपाध्याय के आकस्मिक निरीक्षण में इसका खुलासा हुआ है। डीइओ ने मऊगंज की कई स्कूलों का निरीक्षण किया।
निरीक्षण कही स्कूलों में शिक्षक उपस्थित रजिस्टर में हस्ताक्षर करने के बाद बाजार में घूमते मिले। तो कहीं स्कूलों में शिक्षक बच्चों को अकेले कक्षा में छोड़ धूप सेकते मिली। शिक्षकों के इस रवैया को लेकर डीइओ ने शिक्षकों को फटकार लगाई है साथ ही कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किया है।
डीइओ ने सर्वप्रथम मऊगंज अंतर्गत 11.30 बजे शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय रत्नगामा का निरीक्षण किया गया। जिसमें पदस्थ 8 शिक्षकों में से गणेश प्रसाद सिंह मेडिकल अवकाश पर थे, वही शेष के हस्ताक्षर उपस्थिति पंजी में तो थे। इनमें दिवाकर तिवारी प्राथमिक शिक्षक उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर करके संस्था के बाहर मार्केट में घूम रहे थे। कुछ देर बाद आए ।
इन शिक्षक के पास ना तो शिक्षक डायरी का विधिवत्त संधारण किया गया ना ही छात्र अभिभावक संपर्क पंजी उनके द्वारा शासकीय कार्य में कोई रुचि नहीं ले जा रही है। शासकीय कार्य के प्रति घोर लापरवाह पाए गए। संस्था में कुल दर्ज 195 में से 143 छात्र उपस्थित पाए गए प्रधानाध्यापक द्वारा कैजुअल अरेंजमेंट रजिस्टर का संधारण नहीं किया गया। तत्पपश्चात दूसरे विद्यालय प्राथमिक पाठशाला गोदरी शिवप्रसाद का आकस्मिक निरीक्षण किया गया ।
जिसमें पदस्थ तीन शिक्षकों में से एक बिना सूचना के अनुपस्थित जिनका नाम प्रकाश चंद्र शुक्ला प्राथमिक शिक्षक है। उपस्थित दो शिक्षिकाओं में से दोनों बाहर धूप तपती हुई पाई गई कक्षा में बच्चे अकेले बैठे थे अर्थात छात्रों को पढ़एने के बजाय दोनों शिक्षिकाएं आंगन में धूप ताप रही थी। इसके बाद शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कृतियां जिला मऊगंज का निरीक्षण किया जिसमें दो पदस्य कर्मचारी उपस्थित पाए गए।
यहां कक्षा 1 से 8 तक में कुल दर्ज संख्या 21 पाई गई जो बहुत ही नून है इसमें भी केवल 5 छात्र उपस्थित पाए गए जिनकी उपस्थिति भी उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज नहीं की गई थी । इतनी कम छात्र संख्या में भी दो अतीत शिक्षक रखे गए हैं । संस्था में पदस्थ सहायक अध्यापक आनंद कृष्ण मालवी जिनको समय सारणी में कक्षा एक एवं दो का अध्यापन करते मिले।
अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में खेल
बताया जा रहा है अतिथि शिक्षकों की नियुक्त में व्यापत खेल हुआ है। स्थिति यह है कि जिन स्कूलों में छात्र संख्या नहीं है उनमें पद ,खाली बताकर अतिथि शिक्षक नियुक्त किए गए है। डीइओ के निरीक्षण में इसका खुलासा हुआ है। शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कृतियां में महज 21 छात्रों में दो अतिथि शिक्षक नियुक्त किए है। जबकि पहले से यहां इतने नियमित शिक्षक है।