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MP News: धार्मिक नगरी में लगेगी विश्व की पहली वैदिक घड़ी

By Surendra Tiwari

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उज्जैन। विश्व की पहली वैदिक घड़ी हिंदू नववर्ष पर वेधशाला परिसर में बनाए जा रहे टॉवर पर स्थापित की जाएगी। इसका निर्माण डिजिटल तकनीक से लखनऊ में संस्था आरोहण कर रही है। जीवाजीराव वेधशाला परिसर में वैदिक घड़ी की स्थापना के लिए टॉवर तैयार किया जा रहा है। इस घड़ी को सम्राट विक्रमादित्य शोधपीठ लगाएगा। यह घड़ी इंटरनेट और जीपीएस से जुड़ी होगी, जिससे कही भी इसका उपयोग किया जा सकेगा। इस घड़ी को मोबाइल और टीवी पर भी लगाया जा सकेगा। इसके लिए विक्रमादित्य वैदिक घड़ी मोबाइल एप जारी किया जाएगा।

इसका लोकार्पण आगामी 2 अप्रैल 2024 को हिंदू नववर्ष चैत्र प्रतिपदा के दिन किया जाएगा। उज्जैन में स्थापित होने जा रही विश्व की पहली वैदिक घड़ी में ग्रीन विच टाइम जोन के 24 घंटों को 30 मुहूर्त (घटी) में बांटा गया है। इस घड़ी को मोबाइल और टीवी पर भी लगाया जा सकेगा। इसके लिए विक्रमादित्य वैदिक घड़ी मोबाइल एप जारी किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को भारतीय समय गणना से परिचित कराना है।

हर अंक बताएगा हिंदू धर्म का रहस्य
» 12 बजने के स्थान पर आदित्याः लिखा है, जिसका मतलब है कि सूर्य 12 प्रकार के होते हैं- अंशुमान, अर्यमन, इंद्र, त्वष्टा, धातु, पर्जन्य, पूषा, भग, मित्र, वरुण, विवस्वान और विष्णु ।
» 1:00 के स्थान पर ब्रह्म लिखा है, जो बताता है कि ब्रह्म एक है।
» 2:00 की जगह अश्विनी, जिसका अर्थ है कि अश्विनी कुमार दो हैं- नासत्य और दस्त्र ।
» 3:00 की जगह त्रिगुणा: लिखा है, जो तीन गुणों सतो, रजो और तमो को निर्दिष्ट करता है।
» 4:00 के स्थान पर चतुवेर्दा: यह बताता है कि वेद चार हैं।
» 5:00 बजे पंचप्राणा का अर्थ है कि प्राण पांच प्रकार के हैं- अपान, समान, प्राण, उदान और व्यान ।
» 6:00 के स्थान पर षड्सा लिखने का मतलब है कि रस 6 प्रकार के होते हैं- मधुर, अमल, लवण, कटु, तिक्त और कसाय।
» 7:00 बजे सप्तर्षयः यानी ऋषि सात हैं- कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ।
» 8:00 के स्थान पर अष्ट सिद्धिय: लिखने का मतलब है कि सिद्धियां आठ प्रकार की होती हैं। ये हैं- अणिमा, महिमा, लधिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, इशित्व और वशित्व ।
» 9:00 के स्थान पर नवद्रव्याणि अभियान का तात्पर्य है निधियां 9 हैं- पद्म, महापद्म, नील, शंख, मुकुंद, नंद, मकर, कच्छप, खर्व।
» 10:00 की जगह दशदिश: 10 दिशाओं की ओर इंगित करता है।
» 11:00 के स्थान पर रुद्रा: लिखा है, जो बताता है कि रुद्र 11 हैं- कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद, अहिर्बुध्न्य, शम्भु, चण्ड और भव ।

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