संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से आज भारत बंद की कॉल दी गई है। इस बंद का पंजाब में मिला जुला असर दिख रहा है। केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (CBSE) और पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा की चल रही अंतिम परीक्षाओं के कारण निजी और सरकारी स्कूल खुले रहे।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) द्वारा किए गए भारत बंद के आह्वान के जवाब में शुक्रवार सुबह से ही सभी निजी और सरकारी बसें सड़कों से नदारद रहीं, जिससे दक्षिण पश्चिम पंजाब के जिलों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था ठप होने के कारण क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर यात्रियों को फंसे देखा गया।
रेल सेवाएं अप्रभावित रहीं। केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (CBSE) और पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा की चल रही अंतिम परीक्षाओं के कारण निजी और सरकारी स्कूल खुले रहे। क्षेत्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार छात्रों के आंदोलन का बहुत कम प्रभाव पड़ा क्योंकि क्षेत्र में किसान और श्रमिक संघों द्वारा सड़क जाम करने की कोई सूचना नहीं है।
वाम-संबद्ध व्यापार और विभिन्न किसान संघों द्वारा दिए गए राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान के मद्देनजर, राज्य अधिकारियों ने सड़क नाकाबंदी के प्रस्तावित स्थानों के आसपास पुलिस की तैनाती बढ़ा दी है। दक्षिण मालवा क्षेत्र में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर निजी वाहनों की आवाजाही सामान्य रही क्योंकि प्रदर्शनकारियों द्वारा दोपहर के समय सड़कों को अवरुद्ध करने की आशंका है।
बता दें कि किसान आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक भारत भर की प्रमुख सड़कों पर व्यापक चक्का जाम में भाग लेंगे। पंजाब में राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों का एक बड़ा हिस्सा कम से कम चार घंटे तक बंद रहेगा।
पंजाब ने किसानों ने रोकी रेल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में किसानों ने चार घंटे के लिए रेल रोको का आह्वान किया गया है। किसान कई जगहों पर रेल की पटरियों पर बैठ गए। दिल्ली-अमृतसर रूट पर कई जगह किसान धऱना दे रहे हैं। रेलवे के प्रवक्ता के मुताबिक शताब्दी और शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस को लुधियाना रेलवे स्टेशन पर ही खत्म कर दिया गया है। वहीं होशियारपुर में किसान जालंधर-पठानकोट नैशनल हाइवे पर टोल प्लाजा पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
पंजाब में 3,000 सरकारी बसें सड़कों से रहेंगी नदारद
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार पंजाब में हजारों यात्रियों को शुक्रवार को परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि लगभग 3,000 सरकारी बसें खड़ी रहीं। पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी से संबद्ध ड्राइवर और कंडक्टर यूनियन केंद्र के प्रस्तावित हिट-एंड-रन कानून के प्रति अपनी अस्वीकृति व्यक्त करते हुए देशव्यापी भारत बंद में भाग ले रहे हैं।
धारा 106(2)बीएनएस के तहत प्रस्तावित विवादास्पद कानून, कठोर दंड लगाकर हिट-एंड-रन की घटनाओं को रोकने का प्रयास करता है। इसमें ऐसी दुर्घटनाओं में शामिल ड्राइवरों के लिए 10 साल की जेल की सजा और 7 लाख रुपये का भारी जुर्माना शामिल है।