विंध्य भास्कर डेस्क। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के पहले मोदी सरकार लोकसभा का विशेष स़त्र 18 से 22 सितम्बर को बुला रही हैै। इस लोकसभा विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में मोदी सरकार वन इलेक्शन का विधेयक ला सकती है। इसे लेकर अटकलें तेज है। दरअसल लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 मेें वन नेशन वन इलेक्शन की बात कही थी। ऐसे में मान जा रहा है कि सरकार इस विशेष स़त्र में यह विधेयक पास कर सकती है।
इसे लेकर देश में राजनीति गर्म है। इसी बीच निर्वाचन आयोग ने यह कहकर राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है कि वह एक साथ चुनाव कराने के लिए तैयार है इसके लिए उसे बस एक माह का अतिरिक्त समय लगेगा।
बता दें कि इस साल के अंत में पांच राज्यों मेें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने है। इसके लिए निर्वाचन आयोग ने तैयारियां कर ली है। यहां तक भाजपा ने विधानसभा चुनाव को लेकर पहली सूची भी जारी कर दी । इसी बीच लोकसभा का विशेष सत्र मोदी सरकार बुला रही है। इस सत्र में कुल पांच बैठकें होनी है। इस सत्र में सरकार देश में एक इलेक्शन को लेकर बिल ला सकती है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि पांच राज्यों के चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव भी कराए जा सकते है। ऐसे में सितम्बर माह में मोदी सरकार द्वारा बुलाया गया लोक सभा सत्र आखिरी सत्र हो सकता है। मोदी सरकार लोक सभा भंग कर विधानसभा चुनाव के साथ लोक सभा चुनाव करवा सकती है। बता दें कि इन पांच राज्यों में लोकसभा की 100 से अधिक सीटें है। इन विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र का चुनाव होना है। ऐसे में मोदी सरकार के इस विशेष सत्र को लेकर राजनीतिक उफान तेज हो गया है।
खर्च व समय की होगी बचत
ब्ताया जा रहा है कि देश में विधान व लोकसभा चुनाव साथ मेें होने देश में चुनाव के पर होने वाला खर्च को काफी कम किया जा सकता है । वहीं राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो विधान सभा चुनाव के साथ के लोकसभा चुनाव होने से मोदी चेहरे का असर चुनाव में पड़ेगा है यह मातें हुए भी सरकार विधान सभा चुनाव के साथ लोकसभा का चुनाव साथ करना चाहती है।