उत्तर प्रदेश: बुधवार 21 मई की रात उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में आंधी-तूफान और बारिश ने भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा के साथ लगी भीषण आग ने जिले के कई गांवों और एक मेंथा फैक्ट्री को राख में बदल दिया। जरीफनगर, दहगवां, सोनखेड़ा, जमुनी, और मालपुर ततेरा जैसे गांवों में आग ने सैकड़ों घरों को नष्ट कर दिया, जबकि उझानी कोतवाली क्षेत्र के बदायूं-दिल्ली हाईवे पर स्थित एक मेंथा फैक्ट्री में लगी आग की लपटें चार किलोमीटर दूर तक दिखाई दीं।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, आंधी के दौरान ट्रांसफॉर्मर में चिंगारी से आग भड़की, जिसने तेज हवाओं के कारण विकराल रूप ले लिया। जरीफनगर और सोनखेड़ा जैसे गांवों में करीब 100 घर जलकर खाक हो गए, और कई पशुओं के मरने की खबर है। आग इतनी भयावह थी कि सिलेंडर फटने की आवाजें सुनाई दीं, जिससे गांवों में दहशत फैल गई। डर के मारे लोग रात में घर छोड़कर सड़कों पर निकल आए और कई ने पड़ोसी गांवों में शरण ली।
उझानी में मेंथा फैक्ट्री में लगी आग ने भी भारी नुकसान पहुंचाया। बताया जा रहा है कि यह फैक्ट्री मनोज गोयल की थी, जो पूरी तरह जलकर राख हो गई। आग बुझाने के लिए बदायूं के साथ-साथ बरेली और संभल से दमकल की गाड़ियां बुलाई गईं। फायर ब्रिगेड की नौ टीमें रातभर आग बुझाने में जुटी रहीं, लेकिन आग पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका।
जिलाधिकारी अवनीश कुमार राय और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे और राहत कार्यों की निगरानी की। केंद्रीय मंत्री बी.एल. वर्मा ने भी घटनास्थल का दौरा किया और प्रशासन को त्वरित सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। हालांकि, स्थानीय लोगों में आग से हुए नुकसान और भय के कारण आक्रोश है। कई गांवों में बिजली और सड़कें बंद होने से राहत कार्यों में बाधा आई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत कार्यों के आदेश दिए हैं। प्रशासन ने लोगों से घरों में लौटने की अपील की है, लेकिन डर के माहौल में लोग अभी भी सड़कों पर हैं। इस आपदा ने बदायूं में भारी तबाही मचाई, जिसका असर लंबे समय तक रहेगा।