झारखंड के देवघर जिले में मंगलवार की सुबह एक भीषण सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया। मोहनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत जमुनिया मोड़ के पास गोड्डा-देवघर मुख्य मार्ग पर कांवड़ियों से भरी एक बस की गैस सिलेंडरों से लदे ट्रक से जोरदार टक्कर हो गई। इस हादसे में कम से कम 18 कांवड़ियों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह हादसा सावन मास के तीसरे सोमवार के अवसर पर हुआ, जब हजारों श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में जल चढ़ाने के लिए देवघर पहुंचे थे।
हादसे का विवरण
हादसा सुबह करीब 4:30 बजे हुआ, जब 32 सीटों वाली एक निजी बस, जिसमें लगभग 35 कांवड़िए सवार थे, जमुनिया जंगल के पास एक ट्रक से टकरा गई। यह बस कांवड़ियों को लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर की ओर जा रही थी, जहां वे पवित्र जल चढ़ाने के लिए जा रहे थे। ट्रक में रसोई गैस सिलेंडर लदे हुए थे, और टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह से चकनाचूर हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर के बाद बस का चालक नियंत्रण खो बैठा, जिसके परिणामस्वरूप यह भयानक दुर्घटना हुई।
दुर्घटना की सूचना मिलते ही मोहनपुर थाना प्रभारी प्रिय रंजन और उनकी टीम मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों ने भी तत्काल बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को नजदीकी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचाया गया। घायलों को देवघर सदर अस्पताल, सरैयाहट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, और अन्य नजदीकी चिकित्सा केंद्रों में भर्ती कराया गया। कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिसके कारण मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
आधिकारिक बयान और विरोधाभास
हादसे के बाद विभिन्न स्रोतों से मृतकों की संख्या को लेकर अलग-अलग जानकारी सामने आई। दुमका जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने प्रारंभिक तौर पर पांच लोगों की मौत की पुष्टि की थी, लेकिन बाद में ट्रैफिक डिप्टी एसपी लक्ष्मण प्रसाद ने कम से कम नौ लोगों की मौत की बात कही। वहीं, गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपने एक्स पोस्ट में 18 कांवड़ियों की मौत की पुष्टि की। उन्होंने लिखा, “मेरे लोकसभा क्षेत्र देवघर में, सावन मास के दौरान कांवड़ यात्रा के समय, बस और ट्रक की टक्कर में 18 श्रद्धालुओं की जान चली गई। बाबा बैद्यनाथ उनके परिवारों को इस दुख को सहन करने की शक्ति दें।”
इस विरोधाभास के बीच, जिला प्रशासन ने मृतकों की पहचान और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में ड्राइवर की लापरवाही को हादसे का कारण माना जा रहा है, लेकिन सटीक कारणों का पता लगाने के लिए विस्तृत जांच की जा रही है।
कांवड़ यात्रा और सावन मास का महत्व
सावन मास में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है। यह हादसा उस समय हुआ जब देवघर का बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, श्रद्धालुओं से भरा हुआ था। इस मंदिर में सावन के महीने में लाखों कांवड़िए गंगा जल लेकर जलाभिषेक करने आते हैं। इस वर्ष तीसरे सोमवार के अवसर पर करीब तीन लाख से अधिक श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे। कांवड़िए पैदल या वाहनों के जरिए बाबा बैद्यनाथ धाम और पास के बसुкинाथ मंदिर में जल चढ़ाने के लिए झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से आते हैं।
इस हादसे ने कांवड़ यात्रा की खुशी को मातम में बदल दिया। एक प्रत्यक्षदर्शी सुरेश कुमार ने बताया, “हम बस के पीछे पैदल चल रहे थे जब अचानक तेज आवाज हुई। बस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी थी। लोग चीख रहे थे, यह एक भयानक दृश्य था।”
नेताओं और प्रशासन की प्रतिक्रिया
हादसे की खबर फैलते ही राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर त्वरित प्रतिक्रिया देखने को मिली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हादसे पर गहरा दुख जताया और ट्वीट किया, “देवघर के मोहनपुर ब्लॉक में जमुनिया चौक के पास बस हादसे में श्रद्धालुओं की मृत्यु की अत्यंत दुखद खबर प्राप्त हुई। जिला प्रशासन बचाव कार्य में जुटा हुआ है। घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।”
जिला प्रशासन ने तुरंत बचाव और राहत कार्य शुरू किए। क्रेन की मदद से बस के मलबे को हटाया गया और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। देवघर के उप-विभागीय अधिकारी (एसडीओ) रवि कुमार ने बताया कि कांवड़िए बसुкинाथ मंदिर की ओर जा रहे थे। प्रशासन ने घायलों के इलाज के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं और मृतकों के परिजनों को सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।