विंध्य भास्कर डेक्स: लंबे इंतजार के बाद मोहन कैबिनेट ने मंगलवार को तबादला नीति 2025 को मंजूरी दे दी। 1 मई से तबादलों की प्रक्रिया शुरू होगी। यह 30 दिन चलेगी। पहली बार 3 की जगह 4 स्लैब बनाए। सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में तबादला के दायरे को 2 से 3% तक बढ़ाया। पिछली बार की तरह इच्छुक विभागों को अलग नीति बनाने और उस अनुरूप तबादले की छूट भी दी है।
- केंद्र समान एकीकृत पेंशन योजना के लिए समिति गठन को मंजूरी
वहीं, कैबिनेट ने कर्मचारियों को बढ़े डीए के एरियर की राशि का 5 किस्तों में भुगतान और केंद्र के समान एकीकृत पेंशन योजना लागू करने के लिए वरिष्ठ स्तर प्रक्रिया निर्धारण समिति के गठन प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। तबादला नीति, डीए, पेंशन प्रस्तावों से 7.50 लाख कर्मियों को लाभ होगा। कर्मियों को बढ़े 3 और 2% महंगाई भत्ते का एरियर 5 किस्तों जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर में मिलेगा।
समिति तय करेगी पेंशन की प्रकिया
केंद्र की तरह प्रदेश में भी एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के लिए राज्य स्तरीय समिति गठन किया है। अध्यक्ष एसीएस अशोक बर्णवाल होंगे। समिति इसे लागू करने की प्रक्रिया तैयार कर सरकार को पेश करेगी।
डीए पर ₹ 3500 करोड़ खर्च
कर्मचारियों को अभी 50 फीसद महंगाई भत्ता मिल रहा था। जुलाई 24 से 3%, जनवरी 25 से 2 % डीए मंजूर किया है। इस तरह अब 55% डीए मिलने लगेगा। 5% डीए बढ़ने से सरकार पर 3500 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।
मंत्रियों पर कसावट, पहली बार करेंगे ऑनलाइन अनुशंसा
कैबिनेट में तय किया कि 30 मई की रात 12 बजे तक हर हाल में विभागीय मंत्री, प्रभारी मंत्री और विभाग प्रमुखों को कर्मचारियों के प्राप्त आवेदनों पर प्राथमिकता और पात्रता के आधार पर निर्णय लेकर अनुशंसा पत्र जारी करने होंगे, ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत जारी किए अनुशंसा पत्र ही मान्य होंगे।
इनकी अनुशंसा पर कर्मचारियों की बदली
● विभागीय मंत्री: एक से दूसरे जिले में होने वाले तबादलों से जुड़े आवेदनों पर निर्णय लेंगे। तबादले के लिए अनुशंसा पत्र जारी करेंगे।
● प्रभारी मंत्री: जिले के अंदर तबादलों से जुड़े आवेदनों पर निर्णय लेंगे।
● विभाग प्रमुख : कुछ मामलों में आवेदन विभाग प्रमुखों के पास आएंगे, जो विभागीय मंत्री, प्रभारी मंत्रियों द्वारा निराकरण के लिए भेजे जाएंगे।
कितने पदों पर कितने तबादले
200 पद 20% के तबादले
201 से 1000 पद 15 प्रतिशत
1001 से 2000 पद 10 प्रतिशत
2001 से अधिक पद 5 प्रतिशत
(इस स्लैब को कोई तोड़ नहीं सकेंगे।)
ये प्रमुख प्राथमिकताएं
पति-पत्नी में से कोई एक कहीं अन्य जगह हो तो एक ही स्थान पर पोस्टिंग।
पात्रता रखने वाले दिव्यांग कर्मियों को सामान्य पात्र कर्मियों की तुलना में प्राथमिकता।
बीमार कर्मी और परिवार के बीमार सदस्य की स्थिति देखते हुए मानवीय आधार पर वरीयता।
पहले सिर्फ एक स्लैब…
201 से 2000: 10 फीसद कर्मचारियों के ही तबादले करने की अनुमति थी