धनतेरस और दीपावली के शुभ अवसर पर भारतीय बाजारों ने इस साल रिकॉर्ड तोड़ बिक्री दर्ज की है, जो देश की अर्थव्यवस्था में एक मजबूत उछाल का संकेत देती है। एक अनुमान के अनुसार, इस पूरे त्यौहारी सीजन में खुदरा व्यापार में 5.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का जबरदस्त कारोबार हुआ है। यह बूम न केवल उपभोक्ताओं के बढ़ते आत्मविश्वास को दर्शाता है, बल्कि स्वदेशी सामानों की बढ़ती मांग और भारतीय अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित शक्ति को भी प्रदर्शित करता है।
खुदरा बाजार में अभूतपूर्व उछाल
बाजार विशेषज्ञों और व्यापारिक संघों के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल की बिक्री पिछले कई सालों के रिकॉर्ड को पार कर गई है। मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में भारी वृद्धि देखी गई,
सोना और आभूषण: धनतेरस पर सोने और चांदी की खरीदारी ऐतिहासिक ऊँचाई पर रही, जिसने ज्वैलरी सेक्टर को भारी मुनाफा दिया।
इलेक्ट्रॉनिक्स और गैजेट्स: मोबाइल फोन, लैपटॉप, स्मार्ट टीवी और घरेलू उपकरणों की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर भी सेल रिकॉर्ड तोड़ रही।
कपड़ा और फैशन: नए कपड़े, फुटवियर और फैशन एक्सेसरीज की खरीदारी में भी बड़ा उछाल आया, जो बाजारों में ग्राहकों की भारी भीड़ के रूप में दिखा।
किराना और खाद्य सामग्री: मिठाई, सूखे मेवे, और अन्य उपहारों की बिक्री में भी महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हुई।
- यह रिकॉर्ड बिक्री दर्शाती है कि महामारी के बाद, उपभोक्ता खर्च (Consumer Spending) अब पूरी ताकत से वापस आ चुका है।
‘वोकल फॉर लोकल’ का असर: स्वदेशी मांग में जबरदस्त वृद्धि
इस त्यौहारी सीजन की सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि उपभोक्ताओं ने बड़े पैमाने पर स्वदेशी सामानों की खरीद को प्राथमिकता दी। सरकार के ‘वोकल फॉर लोकल’ (Vocal for Local) अभियान और आत्मनिर्भर भारत की भावना ने उपभोक्ताओं को भारतीय ब्रांडों और स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पादों को खरीदने के लिए प्रेरित किया।
- मिट्टी के दीये, पारंपरिक हस्तशिल्प, स्थानीय मिठाई और भारतीय निर्मित खिलौनों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
व्यापारियों ने बताया कि उपभोक्ताओं ने उन चीनी या आयातित वस्तुओं की तुलना में भारतीय उत्पादों को अधिक पसंद किया, जिनके कारण पिछले वर्षों में स्थानीय बाजार प्रभावित हुए थे। स्वदेशी सामानों की जबरदस्त मांग ने स्थानीय विनिर्माण और छोटे उद्यमों को एक बड़ी राहत प्रदान की है।
ऑटो सेक्टर में नए रिकॉर्ड
त्यौहारी बहार का असर ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी साफ तौर पर दिखाई दिया। इस दौरान, देश की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनियों ने बिक्री के नए मील के पत्थर स्थापित किए।
मारुति सुजुकी और हुंडई जैसी बड़ी कंपनियों ने कारों और एसयूवी की बिक्री में पिछले वर्षों के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। धनतेरस के दिन बड़ी संख्या में वाहनों की डिलीवरी हुई।
टू-व्हीलर (दोपहिया वाहन) सेगमेंट में भी मजबूत मांग बनी रही।
यह बिक्री ऑटो सेक्टर में चल रही सेमीकंडक्टर चिप की कमी और उत्पादन चुनौतियों के बावजूद आई है, जो बाजार में मजबूत अंतर्निहित मांग को दर्शाती है।
कुल मिलाकर, 5.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का यह महा-कारोबार भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह न केवल वर्तमान आर्थिक सुधार की पुष्टि करता है, बल्कि आगामी तिमाही में बेहतर विकास दर की उम्मीदों को भी बल देता है।