विंध्य भास्कर डेस्क। एमपी मतदान के बाद 3 दिसम्बर को मतगणना होना है। इसके मध्य प्रदेश के पहले बालाघाट में स्ट्रांग रूम खुल गया है। स्ट्रांग रूम खुलने का वीडियों भी वायरल हो रहा है। इसमें स्ट्रांग रूम के अंदर डाकमत पत्रों की छाटनी काम चल रहा है। इसे लेकर कांग्रेस ने निवार्चन आयोग को वीडियों सौंपकर बालाघाट कलेक्टर को निलंबित करने की मांग रखी है। वहीं इस मामले में अभी नोडल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह भवेरी के लिए निलंबित होने के बाद कांग्रेस इस मामले में लगातार कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा को निलंबिन को लेकर आयोग के पास पहुंची है।
MP में मतगणना के पहले कलेक्टर ने खुलवा दिया स्ट्रांग रूम, जानिए क्यों
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बता दें कि प्रदेश में 17 नवम्बर को मतदान के बाद ईव्हीएम मशीनों को स्ट्रांग रूम में रखा गया है। इसे 3 दिसम्बर को मतगणना के दिन जनप्रतिनिधियों के सामने खोला जाना है। बावजूद बालाघाट में कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा ने मतगणना के पहले ही स्ट्रांग रूम खोल दिया। इस दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी ने तर्क दिया कि डाक मत प़त्रों के पचास पचास के बंडल बनाने के लिए स्ट्रांग रूम खोला गया है। इसमें कोई गड़बड़ी की बात नहीं है यह एक रूटीन प्रक्रिया है। लेकिन वही इस मामले में शिकायत के बाद नोडल अधिकारी तहसीलदार हिम्मत सिंह भवेरी को निलंबित करने के बाद कांग्रेस इसमें कलेक्टर की भूमिका पर सवाल उठाते है मुख्य निवार्चन अधिकारी अनुपम राजन को पत्र भेजकर जांच कराने की मांग रखी है।
आयोग की निष्पक्षता पर सवाल
इस बार मध्य प्रदेश में भाजपा व कांग्रेस में कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस चुनाव के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठा रही है। यहां तक मतदान के बाद जिले के सभी मतगणना स्थल स्ट्रांग रूम के बाहर कांग्रेस नेता व समर्थक बैठे हुए है। यहीं कारण है कि स्ट्रांग रूम पहले खुलते ही कांग्रेस इस पर आपत्ति जता रही है।