विंध्य भास्कर डेस्क। भाजपा के मिशन 2023 का रास्ता विंध्य से होकर जाएगा। यही कारण है कि विंध्य को भाजपा साधने में लगी हुई है। विंध्य की 30 सीटों में 23 सीटों में काब्जि भाजपा अपना कब्जा इन सीटों में बरकरार रखना चाहती है। यही कारण है भाजपा संगठन व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो जनसभाए दो माह के अंदर हो गई है। ऐसे में चुनावी साल में भाजपा के मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने बड़ा झटका दिया है। मैहर विधायक ने पार्टी गाइड लाइन से अलग विंध्य की मांग को लेकर नई विंध्य जनता पार्टी बनाई है। शुक्रवार से इन पार्टी का सदस्यता अभियान भी प्रांरभ हो गया है। विंध्य की सहित महाकौशल की कुल 43 सीटों में विंध्य जनता पार्टी अपने प्रत्याशी चुनाव में उतार रही है।
बता दें कि विंध्य प्रदेश का विलय मध्य प्रदेश में हो गया था। इसके बाद लगातार एक विंध्य प्रदेश बनाने को लेकर मांग की जा रही है। इसके पीछे लगातार विंध्य की उपेक्षा है। बताया जा रहा है कि विंध्य से एक बड़ा हिस्सा खनिज उत्तखनन के माध्यम से सरकार को मिलता है। इसके बावजूद विंध्य के युवाओं को रोजगार मिला ना ही विंध्य को उसके हिसाब से विकास हुआ। इसे लेकर विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर मैहर विधायक ने पूरे विंध्य में यात्रा निकालकर लोगों की रायशुमारी कर लोगों को जोड़ने का काम किया है। इसके बाद राजनीतिक पार्टियों के द्वारा विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर उपेक्षित होने पर एक नई राजनैतिक पार्टी बनाने की घोषणा मैहर के भाजपा विधायक ने की थी। इसी क्रम में उन्होंने विंध्य जनता पार्टी बनाने का बनाई है इसका सदस्यता अभियान प्रांरभ कर दिया है।
30 सीट जिताने का दबा
मैहर भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा है विंध्य उन्हें चुनाव में इस बार 30 सीटे जीत कर विधानसभा भेजा तो अलग विंध्य प्रदेश बनकर रहेगा। बता दें मैहर के भाजपा विधायक पार्टी के पदाधिकारियों पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपमानित महसूस कर रहे है। हाल ही में मैहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लोकार्पण समारोह में सांसद गणेष सिंह के द्वारा लोकार्पण समारोह रोके जाने को लेकर उन्होंने सीएम व पार्टी के संगठन तक अपनी आपत्ति जताई थी, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने अब नई जनता पार्टी बनाई है।
कई भाजपा विधायक कर चुकें है विंध्य प्रदेश का समर्थन
बता दें कि मैहर के भाजपा विधायक द्वारा विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर भाजपा के कई विधायकों ने इस मांग का समर्थन किया था । ऐसे में यदि भाजपा ने इन विधायकों की टिकट काटी तो इस नई पार्टी से वह चुनाव लड़ सकते है।इसका सबसे अधिक नुकसान भाजपा को होगा।