विंध्य भास्कर, रीवा। नगर परिषद मनगवां में सीएमओ रहे हरिमित्र श्रीवास्तव के विरुद्ध ईओडब्ल्यू ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। आरोप है कि सातवें वेतनमान के एरियर्स की राशि हासिल करने में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर अपने बैंक खाते में आहरित कराई है। लंबे समय से इसकी जांच चल रही थी।
3.80 लाख रुपए का फर्जी एरियर भुगतान हासिल करने का मामला: ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं पर प्रकरण दर्ज किया
ईओडब्ल्यू ने दस्तावेजों की पड़ताल में पाया कि हरिमित्र ने धोखाधड़ी करते हुए राशि आहरित की है। मामला वर्ष 2021-22 का है। शहरी विकास अभिकरण के तत्कालीन सहायक परियोजना अधिकारी हरिमित्र श्रीवास्तव को नगर परिषद मनगवां का भी प्रभार दिया गया था। वह 13 अगस्त 2021 से 11 अगस्त 2022 तक करीब एक वर्ष तक मनगवां के सीएमओ के प्रभार पर रहे। इस दौरान परिषद अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद एसडीएम केपी पांडेय को प्रशासक बनाया गया था।
नौकरी हासिल करने में भी धोखाधड़ी
नगर निगम में वर्ष 1996 में हरिमित्र को सहायक शिक्षक के पद पर अस्थायी नियुक्ति दी गई थी। इस पद के लिए आवश्यक योग्यता बीएड और बीटीआई आदि नहीं थे। बाद में शिकायत हुई तो उन्होंने कूटरचित दस्तावेज लगाकर न केवल अपनी नौकरी बचाई बल्कि पदोन्नति भी प्राप्त कर ली। निगम कार्यालय में रहते हुए विवादित चेहरा होने से प्रतिनियुक्ति पर सीएमओ बनकर कई नगर परिषदों में जिमेदारी संभाली। यह मामला कोर्ट भी गया था, जहां से दिए गए निर्देश के बाद वर्ष 2019 में हरिमित्र की सेवाएं समाप्त कर दी गई थी। बाद में फिर से ज्वाइनिंग हुई और अधिकारी बनकर अलग-अलग स्थानों पर पहुंचे।
इस बीच हरिमित्र ने नगर पालिका मैहर के स्थापना शाखा प्रभारी के फर्जी हस्ताक्षर कर सातवें वेतनमान के अंतर की राशि का एरियर्स पत्रक (जनवरी 2016 से मई 2018 तक) तैयार किया जिसमें एरियर्स की राशि 3 लाख 80 हजार 648 रुपए का उल्लेख किया। बिल तैयार कर बैंक भेजा और वहां से अपने निजी बैंक खाते में उक्त राशि आहरित करा ली। उक्त भुगतान प्राप्त करने के लिए वाउचर तैयार किया, जिसमें सीएमओ और लेखापाल के हस्ताक्षर खुद कर लिए। इसी तरह तत्कालीन बैंक प्रशासक के भी हस्ताक्षर कर दिए। जांच में प्रशासक के जो हस्ताक्षर नमूना बैंक को भेजे गए थे उसका मिलान नहीं हुआ। इस तरह से राशि आहरित करने के लिए नगर पालिका मैहर के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार करने और मनगवां नगर परिषद के तत्कालीन प्रशासक के फर्जी हस्ताक्षर करने के आरोप ईओडब्ल्यू ने हरिमित्र द्बद्भ धारा 420, 409, 467, 468, 471 भादवि एवं 13(1)ए, 13(2) के भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।
रीवा नगर निगम का कर्मचारी
हरिमित्र श्रीवास्तव नगर निगम रीवा का कर्मचारी है। नगर निगम के स्कूल में वह बतौर शिक्षक कर्मचारी रहा है। जुगाड़ के चलते वह प्रतिनियुक्ति पर अधिकांश समय प्रशासनिक अधिकारी के पद पर रहा। कुछ समय के लिए प्रतिनियुक्ति समाप्त कर नगर निगम भेजा गया था लेकिन वह फिर से प्रशासनिक अधिकारी के रूप में सतना नगर निगम में कार्यरत है।
शिकायत सत्यापन के बाद जांच में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। मनगवां के तत्कालीन प्रभारी सीएमओ के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गई है। अरविंद सिंह, एसपी ईओडब्ल्यू रीवा