मध्यप्रदेश में इन दिनों सघन पोषण पखवाड़ा चल रहा है। इसमें सरकार घर-घर जाकर मां और बच्चे के पोषण की जांच करा रही है। लेकिन बड़ी बात ये है कि मां और बच्चे की जांच का जिम्मा जिन 85 हजार आंगनवाड़ियों के भरोसे हंै, उनकी हालत बहुत ही खराब है। इन आंगनवाड़ियों में मां का वजन मापने वाली 30465 डिजिटल वेट मशीनें बंद पड़ी हैं तो बच्चों का वजन जांचने वाली 10158 मशीनें खराब हैं। बच्चों की लंबाई मापने वाले 16647 स्टेडियो और इंफेंटोमीटर भी खराब पड़े हैं। ये मशीनें 40 से 50 करोड़ रु. में चार साल पहले खरीदी गई थीं। यह खुलासा महिला एवं बाल विकास विभाग की ताजा रिपोर्ट से हुआ है। यह रिपोर्ट इसी साल जनवरी में तैयार हुई है। बता दें कि एक आंगनवाड़ी को तीनों प्रकार की एक-एक मशीन दी गई है।
मप्र में पोषण अभियान की हालत… रियल टाइम मॉनिटरिंग मुमकिन नहीं
{ प्रदेश में 12670 मिनी आंगनवाड़ी चल रही हैं। इनमें भी बच्चों का वजन लेने वाली 1358, लंबाई मापने वाली 2655 और मां का वजन लेने वाली 3893 मशीनें फिलहाल नहीं है।
कौन-कौन सी मशीनें खराब
स्टेडियोमीटर-इंफेंटोमीटर : 16647
एडल्ट वेइंग मशीन : 30465
साल्टर वेइंग मशीन : 10158
चार साल पहले 40 से 50 करोड़ में खरीदी थीं ये मशीनें
मोबाइल फोन से रियल माॅनिटरिंग तक नहीं
महिला बाल विकास विभाग के सामने पोषण अभियान में रियल टाइम मॉनिटरिंग चुनौती बन गया है। अभी तक सभी जिलों में मोबाइल फोन नहीं खरीदे जा सके हैं। वजन और लंबाई मापने वाले उपकरण नहीं होने से दिक्कतें आ रही हंै। विभाग अगले बजट में मशीनें खरीदेगा। रिपोर्ट के मुताबिक 19925 आंगनवाड़ियां किराए के भवनों में चल रही हैं।
नए बजट में खरीदेंगे… प्रदेश की 20 प्रतिशत आंगनवाड़ियों में वेट मशीन और अन्य उपकरणों की कमी है। इसकी रिपोर्ट हमें मिली है। हम नए बजट में खरीदने की प्रक्रिया करेंगे।
– आरआर भोसले, संचालक, महिला एवं बाल विकास
30 हजार आंगनवाड़ियों में मां, 10 हजार में बच्चे का वजन लेने वाली मशीनें ही खराब
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