Employees Regularization : कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर!बता दें कि काफी समय से नियमितीकरण की राह कर्मचारियों द्वारा देखी जा रही है जिसका फायदा उन्हें जल्द ही दिया जाएगा. हालांकि, इसे लेकर आज यानी 3 मार्च 2023 को बजट सत्र में मुख्यमंत्री द्वारा बड़ा ऐलान किया गया है किंतु तारीख पर अभी भी संशय बरकरार है. बता दें कि छत्तीसगढ़ में कर्मचारी को परमानेंट करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी. लंबे समय से नियमितीकरण का इंतजार कर रहे अनियमित कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. दरअसल, विधानसभा में बजट सत्र के दौरान संसद में अनियमित कर्मचारी के नियमितीकरण का मुद्दा उठाया गया. जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बड़ा जवाब दिया गया है. उन्होंने कहा कि नियमितीकरण संबंधित कार्रवाई पूरी की जा रही है लेकिन समय सीमा बताना फिलहाल अभी संभव नहीं है.
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आपको बता दें कि इससे पूर्व अनियमित कर्मचारियों द्वारा कई बार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन भी किया गया है. वहीं अब खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि नियमितीकरण की कार्रवाई की जा रही है. 6 मार्च को छत्तीसगढ़ का बजट पेश किया जाने वाला है. माना जा रहा है कि इसमें कर्मचारियों के नियमितीकरण पर कुछ बड़ी घोषणा किए जाने की संभावना है.
कांग्रेस विधायक प्रीतम राम के प्रश्न पर मुख्यमंत्री द्वारा जवाब में कहा गया कि समिति की पहली बैठक 9 सितंबर 2020 को हुई थी. समिति द्वारा सभी विभागों के अनियमित, दैनिक भोगी और संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की संख्या तक जानकारी की मांग की गई थी और 30 विभागों से जानकारी प्राप्त हुई है जबकि आठ विभाग द्वारा अभी जानकारी प्रेषित नहीं की गई है. समिति की अनुशंसा पर ही और नियमित दैनिक वेतन भोगी और संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विधि और विधाई कार्य विभाग से अभिमत मांगा गया है.
वही दूसरी ओर इसके लिए द्वितीय बैठक 16 अगस्त 2022 को हुई थी जिस पर सभी 5 बिंदुओं पर सभी विभागों से जानकारी मांगी गई है. जिन पांच बिंदुओं को शामिल किया गया,
•उसमें दैनिक वेतन भोगी और संविदा पर कार्यरत कर्मचारी खुले विज्ञापन और भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त हुए हैं?
•इसके अलावा क्या कर्मचारी उक्त पद की निर्धारित शैक्षणिक तकनीकी योग्यता रखते हैं?
•साथ ही कार्यरत कर्मचारी जिस पद पर कार्य कर रहे है, वह पद संबंधित विभाग के पद संरचना भर्ती नियम में स्वीकृत है?
•साथ ही क्या उक्त नियुक्ति में शासन द्वारा जारी आरक्षण नियमों का पालन किया गया है?
•इतना ही नहीं एक अन्य सवाल में अनियमित दैनिक भोगी और संविदा पर कार्यरत कर्मचारी जिस पद पर कार्य कर रहे हैं, उन्हें वर्तमान में क्या मानदेय भुगतान किया जा रहा है?
•इस पर भी जानकारी की मांग की गई है. जिस पर 24 विभागों से जानकारी प्राप्त हुई है जबकि 22 विभाग से अभी जानकारी आने बाकी है. जानकारी आने के बाद नियमितीकरण किए जाने के लिए विधिवत नियम अनुसार कार्रवाई को पूरा किया जाएगा.
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में 45000 संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं. जिनमें पंचायत विभाग स्वास्थ्य विभाग के अलावा कृषि शिक्षा और महिला एवं बाल विकास सहित पीडब्ल्यूडी में कई कर्मचारी कार्यरत हैं. चुनावी घोषणापत्र वर्ष 2018 में कर्मचारियों के संबंध में विभिन्न घोषणा की गई थी. हालांकि, अभी तक कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया है जबकि अब मुख्यमंत्री ने खुद कहा है कि इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जिसके बाद माना जा रहा है कि जल्द कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकता है.
दरअसल, कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष पूरण आनंद जिला संयोजक डोमन यादव सहित अन्य ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कृषि मंत्री द्वारा सार्वजनिक तौर पर सरकार बनने के 10 दिन के भीतर संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण करने का वादा किया गया था. 2018 में किए गए वादे के बाद कर्मचारियों द्वारा आंदोलन भी किया गया. इसके बावजूद इसके हुई है जबकि कर्मचारी नियमितीकरण के लिए मांग करेंगे, जब तक उनकी मांग को पूरा नहीं किया जाएगा, वह इसके लिए आवाज उठाते रहेंगे.
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