Love making in Sawan: 4 जुलाई से सावन का महीना शुरु हो गया है सावन के महीने में भगवान शिव को खुश करने के लिए लोग पूजा आराधना करा करते हैं भगवान शिव का प्रिय महीना सावन माना जाता है सावन मास में शिव जी की उपासना का बड़ा महत्व बताया गया है।
सावन के महीने में श्रद्धालु हर सोमवार का उपवास रखते हैं शिवजी की पूजा अर्चना करते हैं इसके अलावा इस महीने में खानपान और पूजा अर्चना के कड़े नियमों का भी वह पालन करते हैं इसी दौरान कुछ खास बातों का भी ध्यान रखना आवश्यक जरूरी है। इस महीने में आयुर्वेद एवं शास्त्रों के मुताबिक सारिक संबंध बनाने की मन हाई होती है हॉटस्टार पर जिनका विवाह अभी हालियां दिनों में हुआ है। नवविवाहित जोड़ों के लिए शारीरिक संबंध बनाना खास तौर पर मना होता है।
आयुर्वेद का निदेश
आयुर्वेद के मुताबिक सावन के महीने में मनुष्य के अंदर रस का संचार अधिक भरा होता है जिससे कम की काम की भावना बढ़ जाती है मौसम भी सुहाना होता है जिससे नवविवाहित के बीच अधिक सेक्स संबंध उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर डाल सकता है।
सावन में इसीलिए चली जाती हैं मायके महिलाएं
सावन के महीने में पुरुष को ब्रह्माचार्य का पालन करना अनिवार्य है एवं संरक्षण करना भी चाहिए आयुर्वेद के मुताबिक इसी महीने में गर्भ ठहराने से होने वाली संतान शारीरिक एवं मानसिक रूप से कमजोर मानी जाती है इसीलिए भारतीय संस्कृति में पर्व त्योहारों की ऐसी परंपरा बनाई गई है कि ताकि सावन के महीने में नवविवाहित जोड़े स्त्रियां अलग रहे खासतौर प्रिया इस महीने में अपने मायके चली जाए।
धार्मिक पहलू क्या कहता है
सावन के महीने में शिव की पूजा के पीछे यही कारण है भक्ति कम की भाव भावना पर विजय प्राप्त कर सके भगवान शिव कम के शत्रु है कामदेव ने सावन में ही शिव पर काम का भ्रमण चलाया था जिससे क्रोधित में आ कर महादेव जी ने कामदेव को भस्म भी कर दिया था।
सावन के महीने में नहीं करना चाहिए संभोग
ज्योतिषी शास्त्रों के मुताबिक कुछ ऐसे दिन जिस दिन पति पत्नी को किसी भी रूप में शारीरिक संबंध बनाने के बारे में भी नहीं सोचना चाहिए जैसे अमावस्या पूर्णिमा चतुर्थी अष्टमी रविवार संक्रांति संधिकाल श्रद्धा, पक्ष,नवरात्रि श्रावण मास और ऋतुकाल,में स्त्री और पुरुष को एक दूसरे से बेहद दूर रहना चाहिए। इस नियम का पालन करना अनिवार्य है घर में सुख शांति समृद्धि और आपसी प्रेम सहयोग हमेशा बना रहता है अन्यथा प्रातकाल और धन की हानि भी होने लगती है।