Rewa News। नगर निगम महापौर अजय मिश्रा ने सोमवार को बड़ा खुलासा कर राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है। शिवाजी के अधूरे पार्क के लोकार्पण में नगर निगम अध्यक्ष व्यंकटेश पांडेय ने मंच में उन्हें महापौर को राजनीतिक अपराधिक बताया था। नगर निगम अध्यक्ष के इस बयान को लेकर महापौर ने बड़ा हमला बोला है।
उन्होंने कि परिषद अध्यक्ष उनके छोटे भाई है वह डिप्टी सीएम के कृपा से अध्यक्ष बने है इसे लिए उन्हें इस तरह अपनी कुर्सी बचाने के लिए भाषण देना मजबूरी है। जहां तक राजनीति अपराधिक का मामला तो वह भाजपा को इसमें महारत हासिल है।
- राजीव तिवारी शिक्षा विभाग में है
मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल के सचिव के पद पर पदस्थ हैं राजीव तिवारी। राजीव तिवारी मुलतः शिक्षा विभाग के कर्मचारी हैं। लेकिन राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण इन पर विभाग के कोई भी आदेश लागू नही होते। पहुच ऐसी हैं कि विधानसभा चुनाव में भी आपने मुल विभाग में वापस नही लैटे। इस मामले में कलेक्टर ने को भी कार्यवाई नही की, इतना ही नही हालही में जिला शिक्षा अधिकारी ने मुला विभाग में वापस पदस्थापना आदेश जारी किया था लेकिन यह भी आदेश रद्ी की टोकरी में चला गया।
उन्होंने कि महापौर की छवि धूमिल करने के लिए रीवा भाजपा विधायक के सचिव राजीव तिवारी ने अगस्त 2023 में वार्ड क्रमांक 16 के पार्षद का शपथ पत्र प्रस्तुत कर लोकायुक्त भोपाल में शिकायत दर्ज कराई थी। इसी मामले की शिकायत के दौरान लोकायुक्त ने में पार्षद ने शपथ पत्र देकर बताया कि उनके द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र महापौर की छवि धूमिल करने के लिए फर्जी तरीके से दिया गया है। यह शपथ में पत्र विकास पर्व के दौरान रीवा भाजपा विधायक के सचिव राजीव तिवारी ने खाली स्टाम्प में हस्ताक्षर इस आशय से करवाया था कि उन्होंंने उनकी जमीन के अधिग्रहण को लेकर नोटिफिकेेशन देने में जरूरत पड़ेगी। शिकायतकर्ता के इस बयान पर लोकायुक्त ने प्रकरण भी समाप्त कर दिया है। महापौर के इस खुलासे के बाद राजनीतिक सियासत गर्म हो गई है।
नेता प्रतिपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
वहीं नगर निगम महापौर की प्रेस कांफ्रेस के बाद नेता प्रतिपक्ष दीननाथ वर्मा ने प्रेस कांफ्रेस कर महापौर व एमआईसी सदस्यों पर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि महापौर जो सौ करोड़ के काम स्वीकृत कराने की बात कह रहे है। जबकि नगर निगम की कुछ आय ही 45 करोड़ है जो कि वेतन और प्रशासनिक खर्च में ही व्यय हो जाती है। केन्द व प्रदेश सरकार की योजना से विकास के काम किए जा रहे है। इतना ही महापौर ने विकास के कामों के गतिरोध पैदा करने के लिए नगर निगम के की बैठक को नियम विरूद्ध बता रहे हैं। महापौर ने जो विकास का वादा जनता से किया था वह अब तक पूरा नहीं हुआ है। इसी से बचने के लिए वह आरोप लगा रहे हंै।
बिना चर्चा एमआईसी कयाकल्प के कार्यो को मंजूरी
शहर में होने वाली सड़को के सुधारने के कयाकल्प में प्रस्तावित सभी कामों को परिषद ने बहुमत के आधार पर मंजूर कर लिया। इस सभी कामों को एमआईसी व महापौर से अनुमति नहीं ली गई है। यहां तक बैठक बुलाने तक की जानकारी व एजेंड़ा नहीं बताया है। परिणाम स्वरूप बिना चर्चा के कयाकल्प के कामों को मंजूरी दे गई है।