रीवा: शासकीय विधि महाविद्यालय में अगले सत्र से भी ऑनर्स बीएएलएलबी पाठ्यक्रम संचालित होना मुश्किल लग रहा है। बार काउंसिल ऑफ इण्डिया (बीसीआई) का निरीक्षण न होने से यह स्थिति बन रही है। मामले को लेकर महाविद्यालय प्रबंधन ने पुनः बीसीआई से सम्पर्क किया है, जिस पर बीसीआई ने अप्रैल में निरीक्षण करने का आश्वासन दिया है।
गौरतलब है कि मार्च 2021 में तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री ने महाविद्यालय में बीएएलएलबी पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा की। फिर महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति ने सितम्बर 2022 में स्ववित्तीय पाठ्यक्रम के रुप में ऑनर्स बीएएलएलएबी शुरू करने का निर्णय लिया। इसके बाद महाविद्यालय प्रबंधन ने अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से दिसम्बर 2022 में सम्बद्धता प्राप्त की। इसी समय महाविद्यालय ने बीसीआई के समक्ष मान्यता आवेदन किया। अब डेढ़ वर्ष बीतने को है लेकिन बीसीआई ने अभी तक महाविद्यालय को निरीक्षण का समय नहीं दिया। इससे महाविद्यालय में हताशा का वातावरण बनने लगा है।
प्रवेश के लिए 60 सीट निर्धारित
महाविद्यालय ने तय किया था कि उक्त नवीन पाठ्यक्रम का संचालन 2023-24 से होगा परंतु ऐसा नहीं हुआ। अब 2024-25 में इस पाठ्यक्रम को संचालित करने की मंशा बनी है। यदि समय पर बीसीआई मान्यता जारी कर देता है तो अगले सत्र से महाविद्यालय में छात्रों को बीएएलएलबी में प्रवेश मिल सकेगा। इस नवीन स्ववित्तीय पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए 60 सीट निर्धारित होंगी। बता दें कि अभी महाविद्यालय में नियमित पाठ्यक्रम एलएलबी और एलएलएम संचालित है। अब बीएएलएलबी पाठ्यक्रम को महाविद्यालय द्वारा स्ववित्तीय मद से संचालित किया जायेगा, जो महाविद्यालय का विधि संबंधित तीसरा पाठ्यक्रम होगा।
छात्रों को मिलेगी राहत
उल्लेखनीय है कि अभी वर्तमान में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के शिक्षण विभाग में बीएलएलबी पाठ्यक्रम संचालित है। शासकीय ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय का बीएएलएलबी पाठ्यक्रम मान्यता न होने के कारण बंद होने की कगार पर है। ऐसे में विधि महाविद्यालय में उक्त पाठ्यक्रम होने से कक्षा 12वीं के बाद यहां सीधे प्रवेश का अवसर छात्रों को मिल सकेगा।