नई दिल्ली. दक्षिण-पश्चिम मानसून तय समय से आठ दिन पहले शनिवार को केरल पहुंच गया। पिछले 16 साल में पहली बार इसने इतनी जल्दी दस्तक दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) की यह भविष्यवाणी सटीक साबित हुई कि इस बार मानसून एक हफ्ते पहले पहुंच सकता है। केरल में मानसून के आगमन के लिए सभी अनुकूल परिस्थितियां तैयार हो चुकी थीं। पिछले दो दिन में राज्य के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हो रही है।
प्रकृति मेहरबान: केरल-कर्नाटक-महाराष्ट्र-गोवा में झमाझम के आसार
आइएमडी ने केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा में कई जगह अगले चार-पांच दिन में भारी बारिश की संभावना जताई है। केरल व कर्नाटक में 29 मई तक बहुत भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान 40-50 किमी/घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। तमिलनाडु, तेलंगाना व आंध्र प्रदेश में भी अगले पांच दिन में बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं। कोंकण तट के पास पूर्व-मध्य अरब सागर पर दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे मानसून को आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है। आइएमडी ने अप्रेल में 2025 के मानसून सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश का अनुमान जताया था।
एमपी और छत्तीसगढ़ में भारी बारिश संभव: आइएमडी के मुताबिक अगले कुछ दिन 15 राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इन राज्यों में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, असम और मेघालय शामिल हैं। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में तेज हवाओं और बिजली के साथ मध्यम बारिश के आसार हैं। अरब सागर में दबाव का क्षेत्र विकसित हो रहा है। इससे समुद्र में हलचल बढ़ने की संभावना है।
कब जल्दी, कब लेट: पिछली बार मानसून इतनी जल्दी 2009 और 2001 में पहुंचा था। दोनों बार इसने 23 मई को दस्तक दी थी। इसने 1918 में सबसे जल्दी पहुंचने का रेकॉर्ड बनाया था। तब यह 11 मई को केरल पहुंचा था। मानसून में देरी का रेकॉर्ड 1972 में बना था, जब इसने 18 जून को दस्तक दी थी। पिछले 25 साल में सबसे देरी से आगमन 2016 में हुआ था, जब मानसून ने 9 जून को केरल में प्रवेश किया। पिछले साल मानसून ने 30 मई को दस्तक दी थी।