Maharashtra MLA Disqualification: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और 15 अन्य विधायकों की अयोग्यता मामले पर बुधवार (10 जनवरी) को उन्हें बड़ी राहत मिली। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिंदे और उनके गुट के अन्य विधायकों की सदस्यता बरकरार रखी। नार्वेकर ने कहा कि उन्होंने ऐसा चुनाव आयोग के शिंदे की शिवसेना को असली शिवसेना के बताने के फैसले के आधार पर किया है। उद्धव ठाकरे के पास एकनाथ शिंदे को पार्टी से हटाने का अधिकार नहीं था। ये अधिकार सिर्फ पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पास है। यह फैसला उद्धव ठाकरे गुट के लिए बड़ा झटका है।
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि 3 चीजों को समझना जरूरी है। पार्टी का संविधान क्या कहता है, नेतृत्व किसके पास था, और विधानमंडल में बहुमत किसके पास था। साल 2018 में शिवसेना पार्टी के संविधान के तहत जो नियुक्ति की गई थी उसे भी ध्यान में रखा गया है। साल 2018 में पार्टी के संविधान में बदलाव की जानकारी दोनों पक्षों को थी।
राहुल नार्वेकर ने कहा कि इलेक्शन कमीशन के रिकॉर्ड में शिंदे गुट ही असली शिवसेना है। ऐसे में मैंने चुनाव आयोग के फैसले को ध्यान में रखा है। उद्धव गुट ने आयोग के फैसले को चुनौती दी थी। मेरे सामने असली मुद्दा है कि असली शिवसेना कौन है? सुनवाई के दौरान ये पता चला कि 2018 के बाद शिवसेना में कोई चुनाव नहीं हुआ। इस कारण 2018 का शिवसेना का संविधान मान्य नहीं है। ऐसे में हमने साल 1999 के संविधान को सबसे ऊपर रखा।
एकनाथ शिंदे और बीजेपी की सरकार में पिछले साल जुलाई में अजित पवार शामिल हो गए और उनके नेतृत्व में शरद पवार की एनसीपी के खिलाफ कई विधायकों ने बगावत कर दी। फिर वो महाराष्ट्र सरकार में डिप्टी सीएम बन गए।