रीवा ।मऊगंज जिला बनने के बाद इसका श्रेय लेने में कांग्रेस व भाजपा दोनों में होड़ मची हुई है। ऐसे मऊगंज जिला बनाने को लेकर विधायक रहते तीन सालों तक लगातार धरना व रैली करने वाले पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने कहा है कि जिला बनने के बाद इसका श्रेय किसे जाना चाहिए है यह जनता जानती है मुझे इस उपलब्धि का श्रेय नहीं लेना है। वहीं मऊगंज जिला बनाने को जो श्रेय ले रहें है वह जानवर से कम नहीं है। यह बात उन्होंने ऐसे समय पर कही जब मऊगंज जिला बनाने को लेकर कांग्रेस के पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना श्रेय लेने के लिए घर-घर जा रहे है। जबकि वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस की पंद्रह महीने के सरकार के दौरान मऊगंज को जिला बनाने का प्रयास तक नहीं है। इस दौरान कांग्रेस सरकार में मैहर को जिला बनाने की घोषणा हुई, लेकिन मैहर जिला नहीं बन पाया। अब जिला बनने के बाद कांग्रेस के पूर्व विधायक इसे अपनी उपलब्धता बता रहे हैं जबकि वर्ष 2018 में मऊगंज विधानसभा चुनाव हरने के बाद उन्होंने कांग्रेस सरकार ने जिला बनाने को लेकर कोई प्रयास नहीं किया।
बता दें कि मऊगंज जिला बनाने को लेकर पहलीबार 1982 में कांग्रेस के विधायक रामधनी मिश्रा ने उठाई है लेकिन इस दौरान महाराजा मार्तंड सिंह ने रीवा को बटवारा किए बिना विकास की बात कह कर इसे रोक दिया। इसके बाद कांग्रेस की सरकार कई बार प्रदेश में बनी इसके बाद भी कांग्रेस शासन काल में मउगंज जिला नहीं बन पाया। इसके बाद भाजपा के मुख्यमंत्री ने शिवराज सिंह चौहान ने 2013 में जनआर्शीवाद यात्रा में मऊगंज को जिला बनाने की बात कही है लेकिन मऊगंज से जनमत नहीं मिलने पर जिला बनने का मामला खटाई में चला गया। इसके बाद वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पंद्रह महीनों तक मामला ठंडे बस्ते में रहा। इसके बाद जब भाजपा की सरकार बनी तो कांग्रेस विधायक ने जिला बनाने को लेकर आंदोलन चलाया । वहीं भाजपा विधायक ने प्रदीप सिंह पटेल ने मऊगंज जिला बनाने को लेकर मुख्यमंत्री से वादा निभाने को लेकर बात कही है इसके बाद विकास पर्व के दौरान मऊगंज में विधायक ने सभा स्थल में मुख्यमंत्री से जिला बनाने की तारीख का ऐलान कर दिया।
सीएम ने छह महीने बना दिया जिला
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास पर्व के दौरान 4 मार्च को मऊगंज में आकर पंद्रह अगस्त के दिन जिला मुख्यालय में ध्वजारोहण की बात लोगों को कही है। इसके बाद छह महीने में पूरी प्रक्रिया कर 13 अगस्त को ही मऊगंज जिला मुख्यालय के रूप में आस्तित्व में आया है। दूसरे दिन मऊगंज में पुलिस अधीक्षक व कलेक्टर की तैनाती हो गई है। अब जिला बनने के बाद इसका राजनीतिक लाभ लेने के भाजपा व कांग्रेस में होड़ मची है। इसके लिए जहां भाजपा के प्रदीप सिंह पटेल इसके लिए सीएम का आभार जता रहे है। वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना चुनावी साल मे अपनी राजनीतिक रोटी सेकने में लगे हुए है।