70 KM का सफर करके 512 किलों प्याज बेचने आए किसान को मिला 2 रुपए का चेक, बेबस हो गया किसान
नासिक के इस किसान की पहचान येओला तालुका के कृष्णा डोंगरे नाम से हुई.
Sat, 11 Mar 2023
|

नासिक: इस बढ़ती महंगाई में आए दिन कई चीजों के दाम बढ़ते जा रहे हैं जिसकी वजह से लोग काफी परेशान भी हो जाते कैसी है खबर महाराष्ट्र से सामने आई है. बताया जा रहा है कि इस समय वहां पर प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है जिसकी वजह से काफी विवाद छाया हुआ है. इसी विषय में कुछ समय पहले एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई थी जहां सोलापुर के बोरगांव का एक किसान 512 किलो प्याज बेचने एपीएमसी मंडी 70 KM का रास्ता तय करके पहुंचा. इतनी दूर आने के बावजूद भी उस किसान के प्यार मात्र ₹1 प्रति किलो में बीके. बता दें कि किसान को मनचाही फसल की कीमत ना मिलने पर काफी नाराजगी हुई साथ ही अब वह बहुत ही हताश भी है. उसने अपनी नाराजगी केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर निकाली इतना ही नहीं उसने अपनी प्याज की फसल में आग तक लगा डाली.
आपको बता दें कि नासिक के इस किसान की पहचान येओला तालुका के कृष्णा डोंगरे नाम से हुई. जिसे अपने प्याज के फसल की मनचाही कीमत ना मिलने के कारण उसने अपने पूरे 1.5 एकड़ के खेत को जला दिया. साथ ही उसने मीडिया हाउस से बातचीत करते हुए कहा कि पहले ही 4 महीनों में फसल पर 1.5 लाख रुपये खर्च कर दिए गए हैं. जिसे अब बाजार तक पहुंचाने के लिए 30,000 रुपये और खर्च करने पड़ेंगे. किंतु प्याज के लिए प्रदान की जा रही मौजूदा दर पर उन्हें सिर्फ 25,000 रुपये ही प्राप्त होंगे.
जानकारी के लिए बता दें की किसान कृष्णा डोंगरे का यह कहना है कि, ‘मैंने 1.5 एकड़ में इन प्याज को उगाने के लिए 4 महीने तक दिन-रात मेहनत की थी. उनका यह भी कहना है कि राज्य और केंद्र सरकार की गलतियों की वजह से अब उन्हें फसल जलाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा खरीद दर काफी कम है. राज्य और केंद्र को किसानों के साथ खड़े होने के बारे में सोचना चाहिए. किसान कृष्णा डोंगरे ने यह दावा भी किया है कि राज्य सरकार से अब तक कोई भी मदद उनके पास नहीं पहुंची है. उन्होंने कहा है कि सरकार के पास 15 दिन थे, लेकिन उन्होंने कोई सहानुभूति भी नहीं दिखाई. ‘हम किसानों के लिए कुछ करेंगे’, कोई इतना भी कहने नहीं आया.
बता दें कि किसान कृष्णा डोंगरे का यह कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर उन्हें अपने प्याज की फसल जलाने की स्तिथि में बुलाया भी था ताकि वे खुद किसानों की दशा देख और समझ सकें. इतना ही नहीं किसान द्वारा यह मांग की gyi है कि सरकार उनकी सभी फसलों को निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे. उन्होंने कहा, ‘हमारे मौजूदा नुकसान के लिए मुआवजे के रूप में सरकार को हम सभी किसानों को 1000 रुपये का भुगतान करना चाहिए.’