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मिशन-2024: भाजपा सभी सीटों पर उतार चुकी प्रत्याशी, कांग्रेस भी तलाश रही चेहरे

By Surendra Tiwari

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एमपी की वो हॉट सीटें जहां दांव पर लगी है दिग्गजों की साख, विदिशा में शिवराज और गुना में सिंधिया पर रहेगी सबकी नजर,
छिंदवाड़ा सीट पर कमलनाथ के बेटे विवेक बंटी साहू से करेंगे मुकाबला

लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद भाजपा मैदान में उतर चुकी है और दिग्गज नेताओं ने 29 लोकसभा सीटों के दौरे शुरू कर जनाधार बढ़ाना शुरू कर दिया है, लेकिन इसके उलट कांग्रेस टिकट तय करने में उलझी हुई है। कांग्रेस जहां जिस नेता को प्रत्याशी बनाना चाह रही है, वह नेता पाला बदलकर भाजपा में चला जाता है।

इससे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि कांग्रेस ने जिन सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए है वहां जरूर उम्मीदवार क्षेत्र में प्रचार-प्रसार में जुट गए है। और जनता को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहे है। लेकिन इस बार भी कई हॉट सीट है, जहां भाजपा, कांग्रेस ने दिग्गज नेताओं पर दांव खेला है। गुना लोकसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विदिशा सीट पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह, छिंदवाड़ा सीट से कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ अपना भाग्य आजमा रहे है। इन नेताओं पर दिल्ली से भोपाल तक नजर रहेगी।

गुना लोकसभा
मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट पर होने वाली चुनावी लड़ाई पर नजरें होंगी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 2019 में कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से हार गए थे। हालांकि, भाजपा के जिस नेता से वो चुाव हारे पार्टी ने इस बार उसी नेता का टिकट काटकर सिंधिया को टिकट दे दिया। अपनी हारी हुई इसी सीट को दोबारा हासिल करने के लिए चुनाव मैदान में हैं। इस सीट को सिंधिया परिवार का गढ़ माना जाता है, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बड़ा उलटफेर हुआ था। पिछले चुनाव में सिंधिया के सामने भाजपा ने केपी सिंह यादव को मैदान में उतार दिया था। सिंधिया 1.26 लाख मतों से हार गए थे। अब सिंधिया भाजपा से इसी सीट से चुनाव मैदान में लौट आए हैं।

भोपाल लोकसभा सीट
इस लोकसभा क्षेत्र को भाजपा का गढ़ माना जाता है। आलम यह कि 1989 के बाद भाजपा को भोपाल लोकसभा सीट पर कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा है। इस लोकसभा क्षेत्र में भोपाल और पड़ोसी सीहोर जिले शामिल हैं। बीजेपी नेता उमा भारती (1999) और पूर्व सीएम कैलाश जोशी (2004 और 2009) में भोपाल लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में इस सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह मैदान में थे। उन्हें मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 3.65 लाख मतों के अंतर से हराया था। बीजेपी ने इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया है।

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट
महाकौशल क्षेत्र की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट 1980 से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ कही जाती है। हाल ये कि छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र की सभी 7 विधानसभा सीटें भी कांग्रेस के पास हैं। कमलनाथ ने 9 बार इस सीट से प्रतिनिधित्व किया है। कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ ने 1996 में इस सीट से चुनाव जीता था। फिर बेटे नकुल नाथ ने 2019 में इसी सीट से जीत दर्ज की थी। बता दें कि पिछले 7 दशकों में सिर्फ एक बार ही भाजपा इस सीट से चुनाव जीत सकी है। इसके जवाब में बीजेपी ने छिंदवाड़ा से विवेक ‘बंटी’ साहू को टिकट दिया है। बीजेपी ने बंटी को इस सीट पर रिपीट किया है। बीते चुनाव में उन्होंने कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी थी। इस बार नाथ के कई बफादार भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

विदिशा लोकसभा सीट
भाजपा ने इस बार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दो दशक बाद दोबारा विदिशा सीट से चुनावी मैदान में उतार दिया है। शिवराज इस सीट पर अपना छठा संसदीय चुनाव लड़ेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी 1991 और सुषमा स्वराज 2009 और 2014 के चुनावों में इस लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए थे। शिवराज सिंह चौहान का गृह क्षेत्र बुधनी विदिशा लोकसभा सीट में आती है। ये भाजपा का गढ़ रही है। इस सीट से कांग्रेस ने 1967 के बाद से केवल दो बार 1980 और 1984 में चुनाव जीता है। शिवराज सिंह मैदान में उतर चुके है। वे रविवार को सीहोर जिले के इछावर विस पहुंचे और कार्यकर्ताओं में जोश भरा। वहीं कांग्रेस विदिशा से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने देवेंद्र पटेल के मैदान में उतार सकती है।

खजुराहो लोकसभा सीट
भाजपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य विष्णु दत्त शर्मा को खजुराहो लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। वह लगातार दूसरी बार इस सीट से दो-दो हाथ करेंगे। भाजपा साल 2004 से इस सीट से लगातार चुनाव जीतती रही है। उमा भारती 1989 और 1998 के बीच चार बार इस सीट से निर्वाचित हुईं। साल 1999 में वरिष्ठ कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी खजुराहो से चुने गए थे। फिर 2004 में भाजपा के राम कृष्ण कुसुमरिया ने इस सीट से जीत दर्ज की थी। तब से यह सीट भाजपा का गढ़ बनी हुई है।

टीकमगढ़ सीट
उत्तर प्रदेश की झांसी शहर की सीमा से लगे बुंदेलखंड क्षेत्र की टीकमगढ़ (एससी) लोकसभा सीट मध्य प्रदेश की हॉट सीटों में शुमार है। केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार जो इस सीट से सांसद हैं। बीजेपी ने उनको चौथी बार चुनाव मैदान में उतारा है। वीरेंद्र कुमार इस सीट से 2004, 2014 और 2019 में इस सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं। कांग्रेस ने वीरेंद्र कुमार के खिलाफ पंकज अहिरवार को मैदान में उतारा है। पंकज अहिरवार कांग्रेस एससी सेल की टीकमगढ़ इकाई के अध्यक्ष हैं।

मंडला लोकसभा सीट
भाजपा ने मंडला लोकसभा सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते को टिकट दिया है। यहां बता दें कि फग्गन सिंह 2023 का विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री और लोकसभा सदस्य रहते हुए मंडला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। अब एक बार पार्टी ने उन्हें इसी सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। फग्गन सिंह 2009 को छोड़कर साल 1996 के बाद से लगातार इस सीट से लोकसभा चुनाव जीते हैं। 2009 में कांग्रेस उम्मीदवार बसोरी सिंह मसराम ने उन्हें हराया था। कांग्रेस ने फग्गन सिंह के खिलाफ डिंडोरी से मौजूदा विधायक और मंडला से पूर्व मंत्री ओमकार सिंह मरकाम को चुनाव मैदान में उतारा है। इसलिए इस बार इस सीट पर रोचक चुनावी जंग देखने को मिलेगी।

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