भोपाल। एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने देश की आशा कार्यकर्ताओं की आयुष्मान कार्ड की सौगात दी। ठीक उसी दिन मप्र में 70 आशा कार्यकर्ताओं को सिर्फ इसलिए निलंचित कर दिया गया कि उन्होंने आयुष्मान कार्ड बनाने में रुचि नहीं दिखाई। इसे विडंबना ही कहेंगे कि जिस दिन आशा कार्यकर्ताओं को निशुल्क स्वास्थ्य की सौगात मिली, उसी दिन इन पर कार्रवाई भी हो गई। दरअसल स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान कार्ड बनाने की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं को भी दे रखी है। टारगेट पूरा न होने पर राज्य सरकार ने 70 आशा कार्यकर्ताओं पर एक्शन लेते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है।
चार महीने से नहीं मिला वेतन
प्रदेश में हजारों आशाकार्यकर्ताओं को तीन से चार महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा। अब हालात यह हैं कि वेलन ना मिलने से कई परिवार घर चलाने के लिए कर्ज ले रहे हैं। यही नहीं इनमें से कई महिलाएं परिवार में कमाने वाली अकेली सदस्य हैं, इसके बावजूद वे महीनों से बिना वेतन काम करने को मजबूर हैं। विभाग से परेशान आशा कार्यकतार्ताएं अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से गुहार लगा रही हैं। बीते दो दिनों में शहरी और ग्रामीण दोनों आशा कार्यकर्ता संगठनों ने पूर्व मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
परिवार में अकेली कमाने वाली
भोपाल की बेबा खान परिवार में अकेली कमाने वाली हैं। एक छोटी बेटी है। वे बताती हैं कि तीन महीने से वेतन नहीं मिला ऐसे में घर चलाना बहुत मुश्किल है। छोटे मोटे काम कर कर जैसे तैसे घर की जरूरतें पूरी कर रही हैं। शिवपुरी की रहने वाली अहिल्या परिहार ने बताया कि उन्हें 14 महीने से सैलरी नहीं मिली। परिवार के पास छोटा सा खेत है लेकिन उससे इतनी कमाई नहीं होती कि परिवार चलाया जा सके। बच्चों की पढ़ाई और अन्य खर्च के लिए कर्ज तक लेना पड़ता है।
पांचवीं पास के विद्यार्थियों को दिया लैपटॉप और मोबाइल
एक आशाकार्यकर्ता राधिका का कहना है कि अधिकतर आशा कार्यकर्ता पांचवी पास है। इन्हें आयुष्मान कार्ड के अलावा अन्य सर्वे का काम दिया गया है। इस काम की कई जानकारियां अंग्रेजी में होती है। ऐसे में आशाकार्यकर्ताएं यह जानकारी नहीं भर पाती। यही कारण है कि उन्हें अयोग्य बताकर हटा दिया गया।
प्रदेश की आशा कार्यकर्ताओं के पास मां और बच्चे से जुड़े 42 तरह के काम होते हैं। इसके अलावा अब उन्हें आयुष्मान योजना, यूविन पोर्टल, दस्तक अभियान, टीबी सबै और कुछ सर्वे का अतिरिक्त काम भी दे दिया है। इसके बावजूद उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है।
चिभा श्रीवास्तव, अध्यक्ष, आषा ऊषा सहयोगिनी संगठन