भोपाल. राज्य सरकार के खजाने की माली हालत खराब है। कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है। कर्ज चुकाने के लिए सरकार कई प्रयास भी कर रही है, लेकिन नाकाफी हैं। सिर पर लोकसभा चुनाव को देखकर सरकार पर विकास कार्यों को पूरा कराने का दबाव भी है।
सरकार इस प्रयास मे है कि कार्य पूरे हों, नए कार्यों का भूमिपूजन हो जाए।
इन सभी कार्यों के लिए सरकार कर्ज की कोठरी में और उतरती जा रही है। बुधवार को सरकार ने फिर 5000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया। यह तीन हिस्सों में लिया। दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज 20 साल के लिए, दो हजार करोड़ का कर्ज 21 साल और एक हजार करोड़ का कर्ज 22 साल के लिए लिया है।
लगातार कर्ज लेने से अब हालत यह है कि राज्य पर बजट से ज्यादा कर्ज हो गया है। राज्य का बजट 3.14 लाख करोड़ रुपए का है, जबकि कर्ज बढ़ते-बढ़ते 3.31 लाख करोड़ रुपए से अधिक पहुंच चुका है।
लक्ष्य पूरा करने में जुटा वाणिज्यिक कर विभाग
वाणिज्यिक कर विभाग के अभाव में तक लक्ष्य पूरा करने की तैयारी में है। विभाग ने सभी सर्कलों से बकायादारों की जानकारी मांगी है। उनसे संपर्क कर टैक्स वसूली करने को कहा है। विभाग को 31 मार्च तक 34 हजार करोड़ का लक्ष्य मिला है। जनवरी तक यह 27 हजार करोड़ ही हुआ। बुधवार को कमिश्नर स्वतंत्र कुमार सिंह ने इसके निर्देश दिए। विभाग । जुलाई 2017 के पहले वैट वसूलता था। एडिशनल कमिश्नर रजनी सिंह ने बताया, जीएसटी लागू हुआ तो पेट्रोल-डीजल, लुब्रिकेंट, शराब, टरबाइन फ्यूल जीएसटी से बाहर रहे। वैट के कई मामले अब भी लंबित हैं। इसकी जानकारी भी मांगी है।
कर्ज से बचें, बढ़ाएं आय के साधन
सरकारें कर्ज लेती हैं। यह गलत नहीं है। लेकिन सीमा होनी चाहिए। कर्ज बढ़ने का असर अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। राजकोषीय घाटा बढ़ता है। विकास कार्य प्रभावित होते हैं। इससे बचने की कोशिश होनी चाहिए। सरकार फिजूल खर्ची कम करे। आय के साधन बढ़ाए।
राघवजी, वित्तीय मामलों के जानकार एवं पूर्व वित्त मंत्री
ठाठ में कोई कमी नहीं
खजाने की खस्ताहाल हालत के बाद भी ठाठ कम नहीं हो रही। ताजा मामला मंत्रियों के बंगलों का है। मंत्रियों को आवंटित बंगलों की साज-सज्जा पर पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। मंत्रियों के लिए नए वाहन खरीदे गए। मंत्रियों के काफिले में दौड़ने वाली गाड़ियां भी खर्च बढ़ा रही हैं।
- वित्तीय संस्थाओं से कर्ज: 14620.17
खजाने की हालत
- बाजार कर्ज: 200817.92
- मुआवजा-प्रतिपूर्ति, अन्य बॉण्ड (राशि करोड़): 6624.44
- राष्ट्रीय लघु बचत कोष को विशेष सुरक्षा निधि: 38498.01
- कर्ज व केन्द्रीय संस्थाओं से ली गई अग्रिम राशि, अन्य देनदारियां : 52617.91