मप्र में शराब का कारोबार करने वाले 41 समूहों को राज्य सरकार 5 प्रतिशत की पैनाल्टी के साथ दो माह (अप्रैल-मई 2021) ठेका बढ़ाने का विकल्प देने जा रही है।
यदि इस विकल्प पर ये समूह नहीं गए तो सरकार इन जगहों पर सिर्फ दो माह के लिए ही नए टेंडर कर देगी। सरकार चाहती है कि सभी मदिरा समूहों के कारोबार में एकरूपता आ जाए। कैबिनेट ने शुक्रवार को इस विकल्प को मंजूरी दे दी।
- जिन विकल्पों पर ठेकेदार नहीं जाएंगे, वहां दो महीने के लिए नया ठेका होगा
- कैबिनेट का फैसला: शराब करोबार को एक जैसा बनाना मंशा
कोरोना काल को देखते हुए सरकार ने जुलाई-अगस्त 2020 में शराब के नए टेंडर किए थे। वर्ष 2019-20 में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार के समय 2020-21 के लिए टेंडर हुए थे। इसमें ठेकेदारों ने पिछले साल की लाइसेंस फीस की तुलना में 25 फीसदी बढ़ाकर रेट दिए थे।
इसी दौरान कोरोना के कारण लाॅकडाउन हो गया। कांग्रेस सरकार का तख्ता पलट हो गया। ठेकेदारों ने 25 फीसदी बढ़ी फीस पर दुकान चलाने में असमर्थता जाहिर कर दी। इसी के बाद भाजपा सरकार ने नए सिरे से टेंडर किए जो वर्ष 2019-20 की तुलना में 14-15 फीसदी बढ़ोतरी के साथ हुए। इसके साथ राज्य सरकार ने नए ठेकेदारों को अप्रैल और मई माह तक कारोबार करने की छूट भी दे दी।
इनमें प्रदेश के 85 फीसदी समूह शामिल रहे। लेकिन करीब 15 फीसदी यानी 41 मदिरा समूहों ने नई व्यवस्था को नहीं लिया। इसीलिए उन्हें एक बार फिर विकल्प दिया गया, ताकि पूरे प्रदेश के मदिरा समूहों में एकरूपता आ जाए। मई में फिर दोबारा नए सिरे से टेंडर हो जाएंगे जो जून 2021 से मार्च 2022 (दस माह) के लिए होंगे। यदि इसके बाद भी मदिरा समूह दो माह के विकल्प पर नहीं जाते हैं तो मार्च 2021 में ही सिर्फ दो माह के लिए इन 41 जगहों पर नए सिरे से टेंडर कर दिए जाएंगे।
कैबिनेट में इसके साथ वित्त विधेयक, दंड विधि संशोधन और मप्र सहकारी सोसायटी संशोधन अधिनियम समेत दूसरे अनुपूरक पर भी बात हुई। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना (तृतीय चरण) के पुनरीक्षण को भी मंजूरी मिली।
सोमवार-मंगलवार भोपाल में रहें मंत्री, विभाग की समीक्षा भी करें
कैबिनेट बैठक से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों से कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का लक्ष्य एक जुनून और जज्बे से जुड़ा है। इसी से प्रगति का नया इतिहास बनेगा। लेकिन इसमें सभी को जुटना है। पूर्व में तय शेड्यूल के अनुसार मंत्री प्रति सोमवार को अपने विभाग की समीक्षा करें।
सोमवार और मंगलवार को राजधानी में रहें। जितने भी मंत्री समूह हैं, उनकी बैठकें हों। टीम भावना से किए गए कार्य के बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे।