प्रदेश के 17 जिलों में बिजली कंपनी की सौभाग्य योजना में गड़बड़ी को लेकर जब ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दे रहे थे तभी विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने खुद को भी बिजली बिल की समस्या का भुक्तभोगी बताया। उन्होंने तोमर व संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं स्वयं भुक्त भोगी हूं। किसानों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। जितने हॉर्सपावर की मोटर है, उतने का ही बिल आना चाहिए।
प्रियव्रत सिंह के प्रश्न के उत्तर में तोमर ने बताया कि सौभाग्य योजना में तीन विद्युत वितरण कंपनियों में गड़बड़ी की जानकारी संज्ञान में आई है। मध्य क्षेत्र के तहत गुना, अशोकनगर, भिंड व मुरैना और पूर्व क्षेत्र में मंडला, डिंडोरी, सीधी, सिंगरोली, सतना, छिंदवाड़ा, सागर, दमोह, रीवा, अनूपपुर, उमरिया व शहडोल में जांच की जा रही है। धार जिले के गंधवानी में 11 गांवों की जांच पूरी कर ली गई है तो वही अब तक मंडला और डिंडोरी के दो-दो एसई और ईई निलंबित किया गया हैं।
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जहां चोरी होती, वहां जांच नहीं बिल चुकाने वालों पर जुर्माना
एक अन्य मामले में भाजपा विधायक विजयपाल सिंह ने बिजली अफसरों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जहां चोरी होती है, वहां जांच नहीं की जाती और बिल चुकाने वाले किसानों की मोटर साइकिल अधिकारी उठा ले जाते हैं। बढ़ा हुआ बिजली बिल भेजते हैं। जब किसान मिलने जाते हैं, तो अफसर नहीं मिलते।