छतरपुर: नगर पालिका छतरपुर शहर के 34 हजार उपभोक्ताओं को पानी उपलब्ध कराती है। यह सप्लाई मुख्य रूप से ईशानगर क्षेत्र स्थित पचेर घाट और बूढ़ा बांध स्थित इंटकवेल से की जाती है। जिसमें खौंप तालाब का पहला फिल्टर प्लांट तीन साल से बंद है। बूढ़ा बांध में सिर्फ 16 दिन का पानी बचा है। पचेर घाट में भरपूर पानी है लेकिन यहां के फिल्टर प्लांट और लैब की जिम्मेदारी अप्रशिक्षित कर्मचारियों के हवाले है।
बता दें कि ईशानगर क्षेत्र स्थित पचेर घाट पर 8-8 लाख एमएलडी (मिलियन लीटर परडे) के दो फिल्टर प्लांट स्थापित किए गए हैं। जबकि फ्ना रोड स्थित बूढ़ा बांध पर 6 लाख एमएलडी का फिल्टर प्लांट स्थापित किया गया है। वहीं महोबा रोड स्थित खौंप तालाब पर 5 लाख एमएलडी का फिल्टर प्लांट मौजूद है। यदि तीनों फिल्टर प्लांट एक साथ कार्य करें तो ब्लीचिंग एक दिन में छतरपुर शहर को 27 लाख एमएलडी पानी उपलब्ध होगा। जो शहर के 34 हजार उपभोक्ताओं को प्रतिदिन मिलेगा। लेकिन एक प्लांट बंद पड़ा है, इसलिए शहर के इन उपभोक्ताओं को एक दिन छोड़कर पानी उपलब्ध हो रहा है।
कर्मचारियों को पता ही नहीं पानी साफ करने का तरीका
छतरपुर शहर में मुख्य रूप से ईशानगर क्षेत्र स्थित पचेर घर से पानी की सप्लाई होती है। लेकिन इस प्लांट की जिम्मेदारी नगर पालिका द्वारा अप्रशिक्षित कर्मचारियों को सौंप दी गई है। इसलिए इन कर्मचारियों को पता ही नहीं है कि पानी को साफ करने के लिए कितना एलएम कैमिकल डालना पड़ता है। वहीं पानी की बदबू को दूर करने के लिए कितना पाउडर और कीटाणु मारने के लिए कितनी क्लोरिन गैस डालनी पड़ती है। यहां ड्यूटी करने वाले कर्मचारी नपा अधिकारियों द्वारा बताए गए। अनुमान के अनुसार दो फिल्टर प्लांट तक पहुंचने वाले पानी को साफ कर शहर में सप्लाई करने में लगे हुए हैं।
प्रतिदिन होता है सप्लाई पांच हजार लोगों को समय पर पानी मिल सकता है
महोबा रोड पर खौंप तालाब है, इसका क्षेत्रफल 136 एकड़ है। नगर पालिका 35 साल से इस तालाब से पानी की सप्लाई कर रही थी। तीन साल पहले ईशानगर के पास स्थित पचेर घाट से पानी की सप्लाई शुरू होने के बाद यहां से पानी की सप्लाई बंद कर दी गई। यदि इसे चालू रखा जाता तो शहर के कम से कम 5 हजार उपभोक्ताओं को समय पर पानी मिलता।
मुख्य सप्लाई पचेर घाट से
खौंप तालाब में पानी नहीं है। वहीं बूढ़ा बांध का प्लांट अतिरिक्त में है, ताकि पचेर घाट के विद्युत पंपों को रेस्ट मिल सके। शहर में रूप से पानी की सप्लाई पचेर घाट से होती है, जिसमें पानी पर्याप्त है। – माधुरी शर्मा, सीएमओ, छत्तरपुर