इन दिनों लोकसभा को लेकर विपक्ष और पक्ष दोनों ही तैयारियों में जुटा हुआ है कहीं विपक्ष अपने संगठन का नाम बदल रहा है तो कहीं पर अपने संगठन को मजबूत करने में लगा हुआ है। ऐसे में अटकलें सामने आ रही है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आने वाले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ सकते हैं।
कुछ महीनों बाद 2023 जाने वाला है 2024 का आगमन होने में कुछ ही महीने पूर्व है ऐसे में 2024 में लोकसभा चुनाव है। सभी पार्टी अभी से ही तैयारियां करना शुरू कर दी है ऐसे में एक अटकल सामने आ रही है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ सकते हैं। जनता दल यूनाइटेड के उत्तर प्रदेश की इकाई ने उनके चुनाव लड़ने की दरकार की है उत्तर प्रदेश संगठन जाता है। कि नीतीश कुमार यहां से चुनाव लड़े एक बड़ा संदेश जाएगा और पार्टी को यहां से पार्टी यहां से भी मजबूत होगी।
नीतीश कुमार को उत्तर प्रदेश से लड़ाने के लिए उठाया गया मुद्दा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जेडी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में यह मुद्दा उठाया गया कि मुख्यमंत्री को अब उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ा ना चाहिए हालांकि जिसे सत्येंद्र पटेल ने उठाया फिर इस मामले को और भी ज्यादा आबादी कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री चुनाव कहां से लड़ेंगे इस पर कुछ कार्यकर्ताओं ने की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में यह मुद्दा उठाया की उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर सीट से चुनाव लड़े और कुछ कार्यकर्ताओं का मानना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अंबेडकर नगर से चुनाव लड़े।
फार्मूला गणित लगा रही है JDU
2024 के लिए तैयारियां शुरू कर दी है ऐसे में जेडीयू के कुछ पदाधिकारी नीतीश कुमार को फार्मूले से चुनाव लड़ने की दरकार कर रहे हैं क्योंकि फार्मूला सिविल से जातीय समीकरण को भी काफी नजदीकी से देखा जा रहा है। सबसे ज्यादा कुर्मी वोटर को और उसके बाद यादव मुस्लिम और ब्राह्मण वोटरों को अपनी और लाने की जद्दोजहद में विपक्ष जुटा हुआ है। ऐसे में नीतीश कुमार कुर्सी कुर्मी वोटरों को लुभाने के लिए मैं अपनी रणनीति बना रहे हैं कि संसदीय क्षेत्र का समीकरण पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया था इसीलिए यह बेहद हॉट सीट के तौर पर देखी जाती है।
इस सीट पर अब बीजेपी का राज
हालांकि कांग्रेस की एक समय में गणमान्य जाने वाली सीट अब कांग्रेस के हाथ से बाहर है लेकिन इसके बाद से सपा और बीएसपी यहां पर चुनाव जीत चुकी है फिलहाल 2014 से 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां पर अपना परचम फहरा दिया।
राजनीतिक चाणक्य की हिसाब से नीतीश कुमार यहां से चुनाव लड़ कर अपनी छवि राष्ट्रीय स्तर पर वे बनाने में कायम होंगे इसकी दूसरी काशी से यह काम हो सकता है तो पीएम मोदी से मुकाबले के तौर पर इसे देखा जा सकता है। फिलहाल कुछ कार्यकर्ताओं फतेहपुर अंबेडकरनगर का भी प्रस्ताव कर रहे हैं।