पति क्या करे अगर पत्नी सताए, सुप्रीम कोर्ट ने के डाली ये बात लिया बड़ा फैसला

याचिका में डोमेस्टिक वायलेंस यानी घरेलू हिंसा से पीड़ित विवाहित पुरुषों द्वारा आत्महत्या जैसे मामलों से गुजरने की गाइडलाइंस बनाने की मांग तेज की गई है.
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देश के पुरुषो की गुहार!
Wife Harrass her Husband: आए दिन महिलाओं पे किए गए जुल्म की खबर हमें सुनने को मिल ही जाती है. कई मामले तो हमने ऐसे भी सुने होंगे जहां महिलाओं पर उनके अपने पति ने काफी गंदा सुलूक किया हो. लेकिन अगर आपको कभी यह सुनने को मिले कि किसी युवक पर उसकी अपनी बीवी ने खुदकुशी करने तक को मजबूर कर दिया तब आपका क्या रिएक्शन होगा. जाहिर सी बात है कि आप हैरान और अचंभित रह जाएंगे. बता दें कि भारत में राष्ट्रीय पुरुष आयोग बनाने की मांग तेज बढ़ती जा रही है. दरअसल, इसी मांग के विषय में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज़ की गई.
आपको बता दें कि वकील महेश कुमार तिवारी द्वारा यह याचिका दायर की गई है. इस याचिका में डोमेस्टिक वायलेंस यानी घरेलू हिंसा से पीड़ित विवाहित पुरुषों द्वारा आत्महत्या जैसे मामलों से गुजरने की गाइडलाइंस बनाने की मांग तेज की गई है. बता दें कि हमारे देश में पत्नियों से प्रताड़ित शादी शुदा युवकों की गिनती बढ़ती जा रही है. वर्ष 2021 के एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार देश में 81,063 विवाहित पुरुषों ने आत्महत्या किया, जिनमें 33.2 फीसदी पुरुषों ने पारिवारिक समस्या, 4.8 फीसदी ने विवाह से जुड़े विवाद और घरेलू हिंसा के कारण आत्महत्या कर लिया था.
आपको बता दें कि इसी मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में उठाते हुए राष्ट्रीय पुरुष आयोग बनाने की मांग की जा रही है. इस याचिका में भारत में अप्रत्याशित मौतों पर 2021 में प्रकाशित NCRB के आंकड़ों की जिम्मेदारी देते हुए बताया गया कि देश भर में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की है. जिनमें से 81,063 विवाहित पुरुष और 28,680 विवाहित महिलाएं मौजूद हैं. साथ ही यह भी कहा गया कि वर्ष 2021 में तकरीबन 33.2 प्रतिशत पुरुषों द्वारा पारिवारिक परेशानियों की वजह से और 4.8 प्रतिशत द्वारा विवाह संबंधी कारणों से अपनी जान दे चुके.
बता दें कि इस याचिका में एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया गया कि 33.2 फीसदी पुरुषों द्वारा पारिवारिक विषयों या परेशानियों, 4.8 फीसदी द्वारा विवाह से संबंधित विवाद और घरेलू हिंसा की वजह से आत्महत्या का शिकार हुए. साथ ही इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अपील की गई है कि विधि आयोग पीड़ित पुरुषों के सुसाइड केसों पर स्टडी की जाए और इसके आधार पर राष्ट्रीय पुरुष आयोग के गठन का फैसला जल्द से जल्द लिया जाएं. इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को घरेलू हिंसा से पीड़ित पुरुषों की शिकायतों पर कार्रवाई के लिए आदेश जारी किए गए. और केंद्रीय गृह मंत्रालय राज्यों को घरेलू हिंसा के शिकार पुरुषों की शिकायत पर केस दर्ज करने के पुलिस को आदेश दिया गया.