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CM Mohan Yadav’s action in borewell accident: जनपद सीईओ, एसडीओ पीएचई और पंचायत सचिव हुये निलंबित, पीड़ित परिवार को 4 लाख की आर्थिक सहायता

By Surendra Tiwari

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रीवा। अन्ततः बोरवेल में फंसा मासूम मयंक जिंदगी की जंग हार गया। उसे मौत के जबड़े से सुरिक्षत बाहर निकालने के लिये करीब 44-45 घंटे तक चलाया गया आपरेशन जिंदगी उस मासूम को बचाने में विफल रहा। तमाम प्रयासों एवं मशक्कत के बाद बचाव राहत दल घटना के तीसरे दिन बालक तक पहुंचने में तो सफल रहा मगर दल के हाथ उसका पार्थिव शरीर आया। यह काफी दुखद घटना है जिसने सबको झकझोर कर रख दिया है।

इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने असीम दुख व्यक्त किया है। बच्चे के परिजनों को रेडक्रॉस की ओर से 4 लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान की गयी। घटना को गंभीरता से लेते हुये मुख्यमंत्री ने इस मामले में जबावदेही तय करते हुये सीईओ जनपद त्योंथर एवं एसडीओ पीएचई त्योंथर को निलंबित करने के निर्देश दे दिये हैं। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुये कहा है कि रीवा जिले के मनिका गांव में बोरवेल में गिरे मासूम बच्चे मयंक को प्रशासन के लगातार प्रयास के बाद भी बचाया नहीं जा सका। मन अथाह पीड़ा से भरा है। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों को इस गहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करते हुये कहा है कि दुःख की इस घड़ी में सरकार मयंक के परिजनों के मुख्यमंत्री ने जनपद त्योंथर के पाण्डेय एवं पीएचई त्योंथर में साथ खड़े हैं।

सीईओ राहुल पदस्थ एसडीओ एपी तिवारी को निलंबित करने के के माध्यम से दिये हैं। गौरतलब है के बोरवेल में गिरने के लगातार हो मद्देनजर राज्य के भोपाल सहित कि छोटे बच्चों प्रशासन स्तरसे चेतावनी भरे आदेश-निर्देश अक्टूबर-नवम्बर 2023 में प्रतिबंधात्मक आदेश में सभी जारी हुये थे। अनुपयोगी और दुःख और दुःख सहन मैं और मप्र निर्देश एक्स रहे हादसे के कई जिलों में खुले नलकूप बोरवेल, ट्यूबवेल की जानकारी एकत्रित कर उन्हें सुरक्षित रूप से बंद करने की सुनिश्चित कार्रवाई के लिये कहा गया था। जिन बोरवेल का उपयोग नहीं किया जाता है, जिन बोरवेल में मोटर नहीं डली है, जिनमें बोरकैप नहीं लगा हुआ है ऐसे समस्त खुले बोरों में बोरकैप संबंधित मकान मालिक, किसान, संस्था को लगवाने के लिये निर्देशित किया गया था।

अनुपयोगी अथवा खुले पड़े बोरवेल को लोहे के मजबूत ढक्कन अथवा कैप से नट बोल्टों की सहायता से मजबूती के साथ बंद करने के लिये निर्देश थे। स्पष्ट था कि ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों से संबंधित क्षेत्र के कार्यपालिक मजिस्ट्रेट और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अपने-अपने क्षेत्र का भ्रमण कर उक्त व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने के लिये उत्तरदायी होंगे। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग को सख्त हिदायत थी। आदेश उल्लंघन होने पर धारा 188 के अंतर्गत कार्रवाई की हिदायत भी दी गयी थी।

पीसीओ और जीआरएस को नोटिस

त्योंथर के मनिका गांव में हुई हृदयविदारक घटना के लिये सीईओ सहित अन्य की जबावदेही तय कर दी गई है। कई और अधिकारी नप सकते हैं। जिला पंचायत सीईओ डॉ. सौरभ संजय सोनवणे ने प्रेम कुमार मिश्रा पंचायत समन्वयक अधिकारी सीएफटी गढ़ी तथा विकास मिश्रा ग्राम रोजगार सहायक ग्राम पंचायत मनिका को कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर 24 घंटे के भीतर उपस्थित होकर जबाव प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। जबाव संतोषजनक न पाये जाने पर विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी गयी है।

अनेक सवाल छोड़ गई घटना

12 अप्रेल 24 को त्योंथर क्षेत्र के मनिका गांव में हुई घटना कई सवालिया निशान छोड़ गयी है? पहला सवाल तो यही है कि ऐसी किसी अप्रत्याशित आपदा के वक्त क्या हम पूरी तरह तैयार हैं, या फिर आपदा से निपटने के इंतजाम वाले सारे सरकारी दावे खोखले हैं? यदि सब कुछ ठीक था तब दोबारा सुरंग क्यों खोदना पड़ गया? मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फिट अंदरूनी व डेढ़ फिट मोटाई की सुरंग दोबारा खोदी गयी तब जाकर आज तीसरे दिन रविवार को दोपहर करीब एक बजे बोरवेल में फंसे बच्चे मयंक का मृत शरीर बाहर निकाला जा सका। रेस्क्यू आपरेशन दौरान प्रशासनिक मुस्तैदी बनी रही।

बेहोश मां को अस्पताल पहुंचाया गया

बताया जा रहा है कि रविवार की सुबह लगभग 8 बजे मयंक की मां बेहोश हो गई थीं लिहाजा उन्हें तत्काल सिविल अस्पताल त्योंथर पहुंचाया गया। पीड़ित परिवार के सभी सदस्य घटना दिनांक से ही बेहाल थे। बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराया जाकर उसे परिजनों को सौंपा गया। बीएमओ डॉ. केबी पटेल की निगरानी में डॉक्टरों की 4 सदस्यीय टीम द्वारा पोस्ट मार्टम किया गया है।

धारा 188 में सजा के प्रावधान

आईपीसी की धारा 188 में सजा के दो प्रावधान बताये गये हैं। सरकार या सरकारी अधिकारी द्वारा कानूनी रूप से दिये गये आदेशों का उल्लंघन होने पर या फिर आपकी हरकत से कानून व्यवस्था में लगे व्यक्ति को नुकसान पहुंचता है तो एक महीने की जेल या 200 रूपये जुर्माना या फिर दोनों की सजा दी जा सकती है। दूसरे प्रावधान में सरकारी आदेश का उल्लंघन होने से यदि मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा आदि को खतरा होता है तो इसमें कम से कम 6 महीने की जेल या एक हजार रूपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है। सीईओ एवं पीएचई एसडीओ त्योंथर के निलंबन के पीछे पूर्व के जारी आदेश-निर्देश का समुचित पालन न होना, भी संभावित कारण हो सकता है?

कार्रवाई के राडार में आये, और भी नपेंगे

जिला कलेक्टर के प्रतिवेदन पर कमिश्नर रीवा संभाग गोपालचंद्र डाड ने राहुल राहुल पाण्डेय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद त्योंथर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुये उनका मुख्यालय कार्यालय जिला पंचायत रीवा नियत कर दिया है। आदेश में मप्र  पंचायतराज संचालनालय भोपाल के निर्देश का उल्लेख करते हुये लेख किया गया है कि अनुपयोगी और खुले नलकूप बोरवेल को तत्काल बंद कराने के निर्देशों का पालन कराते हुये तदाशय का प्रमाण पत्र सीईओ जनपद से तलब किया गया था। जनपद सीईओ त्योंथर द्वारा 19 अक्टूबर 23 को 97 ग्राम पंचायतों में उक्त निर्देशों का पालन कराने का प्रमाण पत्र जिला कार्यालय में प्रस्तुत किया था और 12 अप्रेल 24 को मनिका गांव में घटना घट गयी। गलत और भ्रामक प्रमाण पत्र देने के लिये कलेक्टर के प्रस्ताव पर रीवा कमिश्नर ने निलंबन आदेश जारी कर दिया है। इसी प्रकरण में सीईओ जिला पंचायत रीवा ने मनिका ग्राम पंचायत के सचिव अशोक कुमार तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में मुख्यालय जनपद पंचायत त्योंथर नियत किया गया है।

नीलम और ऊषा के बीच तीखी नोंकझोंक

रविवार की सुबह घटनास्थल मनिका गांव पहुंची कांग्रेस नेत्री व लोकसभा प्रत्याशी श्रीमती नीलम मिश्रा एवं चाकघाट थाना प्रभारी ऊषा सिंह सोमवंशी के बीच तीखी नोंकझोंक होने की भी खबर है। कांग्रेस नेत्री द्वारा घटना से लेकर बचाव राहत कार्य में देरी के लिये प्रशासन एवं पुलिस की नाकामी बताया जा रहा था। उसी बात को लेकर चाकघाट थाना प्रभारी भड़क गईं और दोनों के बीच जमकर जुबानी जंग हुई।

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