विंध्य भास्कर डेक्स: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के ठीक एक सप्ताह बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने आतंकवाद पर ‘करारा प्रहार’ करने के लिए सेना को खुली छूट दे दी है। मोदी ने कहा कि ‘जवाबी कार्रवाई का लक्ष्य, तरीका और समय तय करने के लिए सेना पूर्ण स्वतंत्र है।
- करारे प्रहार की तैयारी…सेना ही तय करे लक्ष्य,तरीका और समय:मोदी
- मोदी-शाह से मिले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत संरा प्रमुख गुटेरस ने जयशंकर और शहबाज को किया फोन
बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ ही सेना, नौसेना और वायु सेना के प्रमुख भी मौजूद थे। हालांकि आधिकारिक तौर पर बैठक के बारे में कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन जल्द ही पहलगाम के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद है। माना जा रहा है कि बैठक का एजेंडा कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी की समीक्षा करना और सीमा पार आतंकी ढांचे को नष्ट करने के उद्देश्य से सैन्य व रणनीतिक विकल्पों पर विचार-विमर्श करना था।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि आतंकवाद पर करारा प्रहार हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। उन्होंने भारतीय सैन्य बलों की पेशेवर क्षमता में पूरा विश्वास व्यक्त किया। प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि आतंकियों और उनके समर्थकों का ऐसा अंजाम होगा, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। इस बैठक को उस प्रण को अमली जामा पहनाने की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरस ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से फोन पर बात की। बताया गया कि गुटेरस ने दोनों नेताओं से बढ़ते तनाव को कम करने के लिए मदद करने की पेशकश की। सेना प्रमुखों के साथ पीएम की बैठक के बाद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की।
माना जा रहा है कि भागवत के साथ मोदी और शाह की मुलाकात में पहलगाम हमले के संदर्भ में भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री की सेना प्रमुखों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद भागवत की मुलाकात को अहम माना जा रहा है। सत्ताधारी भाजपा को संघ का वैचारिक आधार प्राप्त है। पहलगाम हमले के बाद सैन्य बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर विशिष्ट इकाइयों को ऑपरेशनल रेडीनेस मोड में रखा गया है।